(बस्ती)बीबीएयू में हिंदी पखवाड़ा उत्सव 2025 का भव्य समापन, हिंदी भाषा को आधुनिक युग की आवश्यकताओं से जोडऩे का आह्वान

  • 30-Sep-25 12:00 AM

लखनऊ 30 सितंबर (आरएनएस ),बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में हिंदी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा उत्सव 2025 का आज भव्य समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्रम एवं सेवायोजन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यक्ष/राज्यमंत्री (दर्जा प्राप्त) डॉ. रघुराज सिंह उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग एवं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सभापति प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने की।समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इसके उपरांत विश्वविद्यालय कुलगीत प्रस्तुत हुआ और अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. बलजीत कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण देते हुए उत्सव की गतिविधियों और उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। मंच संचालन डॉ. लता बाजपेयी सिंह ने किया।मुख्य अतिथि डॉ. रघुराज सिंह ने कहा कि भारत की महानता इसकी भाषा और संस्कृति में निहित है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे जीवनभर विद्यार्थी की तरह सीखते रहें और हिंदी को आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित करें। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और राष्ट्रीय गौरव का आधार है।मुख्य वक्ता प्रो. सूर्य प्रसाद दीक्षित ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में भाषा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जनता की भाषा सीधे संसद और शासन तक पहुँचे और वहीं से सरकार की भाषा सीधे जनता तक पहुँचे, यही लोकतंत्र की शक्ति है। उन्होंने कहा कि हिंदी आज संचार, शिक्षा और प्रौद्योगिकी की भाषा बन चुकी है और इसे और सशक्त बनाने की आवश्यकता है।कुलसचिव डॉ. अश्विनी कुमार सिंह ने कहा कि यदि हम हिंदी भाषा को संरक्षित और प्रोत्साहित नहीं करेंगे तो यह हमारी सांस्कृतिक पहचान के लिए गंभीर खतरा होगा। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का सपना तभी साकार होगा जब हम हिंदी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शोध में व्यापक रूप से अपनाएँगे।समापन अवसर पर निबंध लेखन, सुलेख, कविता पाठ, हिंदी टाइपिंग एवं हिंदी कार्यशाला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। अंत में डॉ. शिव शंकर यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।




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