(बांदा)सफल जीवन के लिए शिक्षा और कौशल विकास जरूरी : पंवार

  • 01-Nov-23 12:00 AM

-कृषि विश्वविद्यालय में10 दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का हुआ आयोजनबांदा 1 नवंबर (आरएनएस)। कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुलपति डा. नरेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशन में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय द्वारा 10 दिवसीय कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला 10 नवंबर तक संचालित होगी। इसका विषय हस्तशिल्प एवं सजावटी वस्तुओं का निर्माण आर्थिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम है। कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को दोपहर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में दीप-प्रज्जवलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि डा. जीएस पंवार ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि सफल जीवन के लिये शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास का भी होना अति आवश्यक है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. अजय कुमार सिंह ने बताया कि अनुपयोगी सामानों से मूल्य सम्बर्धित उत्पाद एवं घर की सजावटी सामान बनाकर अपने घर को सुसज्जित करने के साथ-साथ अपने सगे सम्बधियों को रूचिकर उपहार भी भेट कर सकते है तथा आर्थिक उपार्जिन का एक अच्छा साधन हो सकता है। कार्यशाला के उद्देश्यों को बताते हुये सह अधिष्ठाता डा. वंदना कुमारी ने बताया कि हर मनुष्य में सृजनात्मकता कौशल छिपा होता है जिसको विकसित कर हम अपने जीवन को और रूचिकर बना सकते हैं तथा इससे घर बैठे धनोपार्जन कर अर्थिक सशक्तिकरण कर सकते है। महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डा. दीक्षा गौतम ने बताया कि अगामी 10 दिनों में प्रतिभागियों को दीवाली सम्बन्धित उपयोगी साज-सज्जा सामाग्री, आर्टिफीशियल ज्वैलरी, वस्त्रो की आलंकरण (टाई एण्ड डाई),पेपर क्राफ्ट, वर्लीकला, एवं लिपनकला द्वारा विभिन्न मूल्य सम्बर्धित उत्पाद बनाना सिखाया जायेगा साथ ही प्रतिभागियों को स्वयं करके सीखने का मौका दिया जायेगा। कार्यशाला में कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा के कृषि, उद्यान, वानिकी, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के अलावा बांदा जिले के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रायें एवं डा. राजेन्द्र प्रसाद, केन्दीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिहार के लगभग 55 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। कार्यक्रम में, अधिष्ठाता कृषि, डा. आशुतोष राय, रचना पंवार, विभा श्रीवास्तव, विद्या, श्रीमती पुष्पा सिंह का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन सामुदायिक विज्ञान महाविद्यलाय की छात्रा वैष्णवी सिंह एवं श्रद्धा यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. बालाजी विक्रम, सहायक प्राध्यापक, उद्यान महाविद्यालय द्वारा किया गया।




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