(बाराबंकी)खनन माफियाओं ने खोद डाला, ग्रामीणों का खेत
- 28-Sep-25 12:00 AM
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षिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारी अंजानबाराबंकी 18 सितंबर (आरएनएस)। जहाँगीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम दतौली लहबड़पुरवा में पिछले दो दिनों से लगातार चल रहे अवैध मिट्टी खनन ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय ठेकेदार सुनील यादव व उदल उपेन्द्र यादव के गिरोह ने पंचायत और सरकारी जमीन के साथ-साथ निजी खेतों को भी खोद डाला है और खनन करके मिट्टी को पास के गांवों व शहरों सद्दीपुर, जहांगीराबाद, त्रिलोकपुर व भयारा बनवा में ग्राहकों को बेचा जा रहा है।स्थानीय लोगों ने पुलिस और संबंधित विभागों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खनन से विभाग को भी लाभ पहुंचता है और इसी वजह से थाने की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही। विरोध करने पर दर्जनों दबंग आकर ग्रामीणों के साथ बदमाशी करते हैं और कई बार पुलिस कथित रूप से अवैध खनन करने वालों के साथ खड़ी दिखाई दी है।ग्रामीणों ने बताया कि खनन स्थल पर मानक से कहीं अधिक गहरे गड्ढे खोदे जा रहे हैं, जिससे न केवल खेतों की उपज घटने का खतरा है बल्कि भविष्य में बच्चों और पशुओं के गिरने की भी आशंका बनी हुई है। हमारी जमीन को जैसे किसी ने काटकर ले लिया होखेत अंदर से खाली हो रहे हैं, जमीन दरक रही है और कुएँ-नालियाँ भी प्रभावित हो रही हैं, एक ग्रामवासी ने कहा।ग्राम पंचायत की जमीन को भी बिना अनुमति खोदा जाना, और सरकारी जमीन से मिट्टी निकालकर बेचना गंभीर अनियमितता है। आरोप है कि कई खेतों में खेत मालिकों की अनुमति के बिना ही उत्खनन किया गया कृ बिना किसी वैध परमिट या रॉयल्टी भुगतान के। ग्रामीणों ने बताया कि परसों से खनन बढ़ गया है और स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं, पर कार्रवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत पर भी एफआईआर दर्ज करने की जगह दबंगों को संरक्षण दिया जा रहा है और शिकायत करने वालों को धमकाया जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि सतही मिट्टी निकाल लेने से स्थानीय जलस्रोत प्रभावित होते हैं, मिट्टी की बनावट बदलने से सिचाई और कृषि जीवन पर दीर्घकालिक असर पड़ता है। साथ ही खुले गड्ढों से बच्चों और पशुधन के गिरने का जितना जल्दी हो सके रोकना चाहिए।गांव के मुखिया और प्रभावित ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व राजस्व तथा खान विभाग से त्वरित जांच, अवैध खनन रुकवाने, खननस्थल सील करने और जिम्मेदार ठेकेदारों व जिन अधिकारियों की मिलीभगत पाई जाती है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि खोदे गए गड्ढों को भरवाकर सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और प्रभावित जमीनों का मुआवज़ा दिलाया जाए।इस घटना पर नागरिक संघठनों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। ग्रामीण चेतावनी दे रहे हैं कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाए तो वे अधिक संगठित रूप में आवाज उठाएँगे और सड़कों पर भी आंदोलन कर सकते हैं।
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