
(बिलासपुर) करंट से दो मासूमों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार को ठोस नीति बनाने के निर्देश
- 23-Sep-25 05:27 AM
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बिलासपुर, 23 सितम्बर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में करंट लगने से दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। एक मामला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के करगीकला गांव का है, जहां खेत के पास खेलते समय 6 साल के बच्चे की करंट से मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरी घटना कोंडागांव जिले की है, जहां ढाई साल की बच्ची महेश्वरी यादव की आंगनबाड़ी में करंट लगने से जान चली गई।
इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने शनिवार को अवकाश के दिन स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि केवल बिजली विभाग के कर्मचारियों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस नीति और कार्ययोजना बनाना अनिवार्य है। राज्य शासन ने कोर्ट को जानकारी दी कि मृतक बच्चों के परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में मुआवजा प्रदान किया गया है। एक परिवार को 4 लाख रुपये, जबकि दूसरे को 1 लाख रुपये की राशि दी गई है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को नोटिस जारी कर भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि खेतों में अवैध रूप से बिजली प्रवाहित बाड़ लगाने की घटनाएं न केवल मानव जीवन के लिए, बल्कि पशु और वन्यजीवों के लिए भी जानलेवा साबित हो रही हैं। विशेषकर बरसात के मौसम में जब खेतों और रास्तों में पानी भर जाता है, तब यह खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हाईकोर्ट ने सरकार से अपेक्षा जताई है कि इन घटनाओं पर जल्द से जल्द लगाम लगाने के लिए मजबूत नीतिगत पहल की जाए और संबंधित विभागों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
बंछोर
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