(बिलासपुर) गंगरेल जलाशय में मछली शिकार पर रोक को लेकर कोर्ट में सुनवाई, अब सिर्फ 100 पिंजरे बाकी

  • 16-Sep-25 09:10 AM

बिलासपुर,16 सितंबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के गंगरेल जलाशय में मछलियों और पक्षियों के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार के मत्स्य विभाग ने अदालत को जानकारी दी कि जलाशय में लगाए गए 779 पिंजरों (केज) में से अब तक 679 को हटा दिया गया है और केवल 100 पिंजरे ही शेष हैं, जिन्हें जल्द ही हटा लिया जाएगा। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है।

यह जनहित याचिका धमतरी की वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसायटी ने दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गंगरेल बांध में बिना अनुमति के पिंजरे लगाकर मछलियों का बड़े पैमाने पर शिकार किया जा रहा है, जिससे स्थानीय पर्यावरण और जैव विविधता को गंभीर नुकसान हो रहा है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि शासन ने करीब छह महीने पहले इस अवैध गतिविधि को रोकने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए।

सुनवाई के दौरान मत्स्य विभाग की ओर से कोर्ट में दायर शपथपत्र में बताया गया कि जिन लोगों ने पिंजरे लगाए थे, उन्होंने खुद ही जिला कलेक्टर के सामने आवेदन देकर इन्हें दूसरी जगह स्थानांतरित करने की इच्छा जताई थी। इसके लिए धमतरी के कलेक्टर ने सिंचाई विभाग को उपयुक्त जगह चिन्हित करने के लिए पत्र भी लिखा था। हालांकि, अब तक इस पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला।

फिलहाल गंगरेल के फुटाहामुड़ा क्षेत्र में 774 पिंजरे लगे हुए थे, जिनमें से अधिकतर को हटा दिया गया है। मत्स्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि जैसे ही सिंचाई विभाग नई जगह तय करता है, बाकी बचे पिंजरे भी हटा दिए जाएंगे।

कोर्ट में यह जानकारी मिलने के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है।

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