(बीजापुर) कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना सहित कई योजनाओं का सीधा प्रसारण सम्पन्न

  • 11-Oct-25 01:37 AM

बीजापुर, 11 अक्टूबर (आरएनएस)। देशभर के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में 11 अक्टूबर 2025 को माननीय प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ?42,000 करोड़ की कृषि परियोजनाओं का शुभारंभ एन.ए.एस.सी. कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली से किया गया। इस अवसर पर पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना, दलहन मिशन सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की गई। इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर  में भी आयोजित किया गया, जहाँ बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरांत किसानों के साथ संवाद एवं परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। मुख्य अतिथियों एवं वक्ताओं द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण संदेश: शंकरैया माड़वी, सभापति, कृषि स्थायी समिति, जिला पंचायत बीजापुर ने किसानों को फलदार पौधों और समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अरुण सकनी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर ने रबी फसलों की बुवाई, बीज उपचार, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन एवं केन्द्र में संचालित विभिन्न कार्यों की जानकारी विस्तार से दी। पी.एस. कुसरे, उपसंचालक कृषि, बीजापुर ने जिले में वर्तमान में क्रियान्वित कृषि योजनाओं की जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई। अरविंद कुमार आयाम, कार्यक्रम सहायक (कीट विज्ञान) ने रबी फसलों में लगने वाले कीट एवं रोगों की पहचान, समन्वित कीट प्रबंधन एवं मशरूम उत्पादन से संबंधित उपयोगी जानकारी साझा की। डॉ. दिनेश कुमार मरापी, प्रक्षेत्र प्रबंधक, कृषि विज्ञान केन्द्र ने किसानों को बीज दर, खरपतवार नियंत्रण तथा रबी फसलों की बुवाई तकनीक पर जानकारी दी। कृष्णा कुमार सिन्हा, सहायक संचालक कृषि ने किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व और उसकी तकनीकी विधियों से अवगत कराया। इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन कृषि विज्ञान केन्द्र, बीजापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अरुण कुमार सकनी के मार्गदर्शन में केन्द्र के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ग्रामों से आए कुल 286 किसान, कृषि विभाग के अधिकारी तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के कर्मचारी उपस्थित रहे। यह आयोजन किसानों को नवीनतम योजनाओं, तकनीकों एवं प्राकृतिक खेती जैसे सतत कृषि विकल्पों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुआ।




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