(बीजापुर) पोटाकेबिन आश्रमों में 42 लाख रुपये से अधिक की फर्जी भुगतान का मामला उजागर, दो शासकीय कर्मचारी नामजद
- 11-Jul-25 06:23 AM
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बीजापुर, 11 जुलाई (आरएनएस)। बीजापुर जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बनाए गए पोटाकेबिन आश्रमों में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित इन माध्यमिक छात्रावासों में बिना वैध बिल और दस्तावेजों के लाखों रुपये का भुगतान किया गया। शुरुआती जांच में 42 लाख 78 हजार 475 रुपये की फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई है।
जिला कलेक्टर ने इस गंभीर मामले में सख्त रुख अपनाते हुए दो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इन कर्मचारियों में सहायक जिला परियोजना अधिकारी (माध्यमिक) पुरुषोत्तम चन्द्राकर और सहायक ग्रेड-02 संजीव मोरला शामिल हैं। जांच में पाया गया कि इन दोनों ने छात्रावास अधीक्षकों पर दबाव डालकर फर्जी भुगतान करवाया और इसके लिए किसी उच्च अधिकारी से अनुमति भी नहीं ली। बीजापुर, भोपालपटनम, भैरमगढ़ और उसूर के अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों द्वारा 26 पोटाकेबिन आश्रमों की जांच की गई। इनमें से बीजापुर और भोपालपटनम के 11 आश्रमों में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत मिले। भैरमगढ़ और उसूर में हालांकि भुगतान प्रक्रिया संतोषजनक पाई गई।
बीजापुर ब्लॉक में कृत्विक इंटरप्राइजेस, एसबी कंस्ट्रक्शन और विमला इंटरप्राइजेस नामक तीन फर्मों को 26 लाख 60 हजार 715 रुपये का भुगतान किया गया, जबकि भोपालपटनम में इन्हीं फर्मों को 16 लाख 17 हजार 760 रुपये का भुगतान बिना वैध दस्तावेजों के किया गया। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि संबंधित अधीक्षकों ने अपने बयानों में इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की है। पुरुषोत्तम चन्द्राकर ने जिला शिक्षा अधिकारी से स्वीकृति लिए बिना ही अधीक्षकों से हस्ताक्षर करवाकर भुगतान प्रक्रिया को अंजाम दिया। वहीं, संजीव मोरला ने भी अपने बयान में फर्मों को भुगतान की बात स्वीकार की है। बीजापुर के जिला शिक्षा अधिकारी लखन लाल धनेलिया ने बताया कि एसडीएम निरीक्षण के दौरान पोटाकेबिनों में कमियां पाई गई थीं, जिसके बाद जांच करवाई गई और यह घोटाला सामने आया। कलेक्टर के निर्देश पर अब विस्तृत जांच के साथ आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
बंछोर
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