(बीजापुर) बीजापुर जिला अस्पताल में नवजात देखभाल की उल्लेखनीय सफलता

  • 11-Oct-25 10:57 AM

बीजापुर, 11 अक्टूबर (आरएनएस)। बीजापुर जिला अस्पताल ने नवजात चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए यह सिद्ध कर दिया है कि सीमित संसाधनों में भी यदि इच्छाशक्ति, समर्पण और कुशल प्रबंधन हो तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
भट्टी गुड़ा (उस्कालेड) निवासी 25 वर्षीय ललिता गोटे को 28 जून 2025 की रात्रि 9:30 बजे पेट में तेज़ पीड़ा एवं मूत्र रुकने की गंभीर शिकायत के साथ जिला अस्पताल बीजापुर में भर्ती किया गया। प्राथमिक परीक्षण में यह ज्ञात हुआ कि ललिता 27वें सप्ताह की जुड़वां गर्भावस्था में थीं। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए चिकित्सकों द्वारा त्वरित एवं समुचित चिकित्सकीय प्रबंधन किया गया।
29 जून 2025 की प्रात: 4:25 बजे ललिता ने समय से पूर्व जुड़वां शिशुओं को जन्म दिया, जिनमें प्रथम शिशु का वजन 700 ग्राम तथा द्वितीय शिशु का वजन 750 ग्राम था। अत्यंत अल्पवजऩी एवं नाजुक स्वास्थ्य स्थिति के चलते दोनों नवजातों को तत्काल नवजात गहन चिकित्सा इकाई (हृढ्ढष्ट) में भर्ती किया गया। अत्यंत प्रयासों के बावजूद एक शिशु को नहीं बचाया जा सका, परंतु दूसरा शिशु जीवन के लिए संघर्ष करता रहा।
इस अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में हृढ्ढष्ट टीम, चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ एवं तकनीकी कर्मचारियों ने सतत 100 दिनों तक अथक सेवा एवं मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्य किया। उनके निष्ठापूर्वक किए गए प्रयासों एवं उन्नत चिकित्सकीय देखभाल के फलस्वरूप शिशु का स्वास्थ्य निरंतर सुधरता गया और वर्तमान में उसका वजन 1.75 किलोग्राम हो चुका है। अब वह पूर्णत: स्वस्थ है और सामान्य जीवन की ओर अग्रसर है।
यह उपलब्धि न केवल बीजापुर जिला अस्पताल की चिकित्सकीय दक्षता का प्रमाण है, बल्कि यह जिले में नवजात देखभाल सेवाओं की सुदृढ़ता का प्रतीक भी है।
स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत बीजापुर जिले में मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम इस असाधारण सफलता के रूप में सामने आए हैं।यह केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और दूरदर्शी दृष्टिकोण है, जिसका उद्देश्य मातृ-शिशु स्वास्थ्य के माध्यम से समाज की आधारशिला को सशक्त बनाना है।
इस सफलता के पीछे जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की योजनाबद्ध रणनीति एवं सतत मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण रहा है। विशेष रूप से जिला कलेक्टर  संबित मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जि़ला पंचायत नम्रता चौबे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.आर. पुजारी एवं सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर का निर्देशन, सहयोग एवं सतत निगरानी उल्लेखनीय रही है।
इन सभी प्रयासों को स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत सुदृढ़ पोषण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा सशक्त तंत्र निर्माण की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम माना जा रहा है।
यह सफलता न केवल चिकित्सा क्षेत्र की उपलब्धि है, बल्कि यह मानवता, सेवा भावना और प्रशासनिक प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण भी है, जो बीजापुर जिले के लिए गर्व का विषय है।
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