(बोकारो)अब एयरोनॉटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी के गुर भी सीखेंगे डीपीएस बोकारो के विद्यार्थी

  • 06-Dec-23 12:00 AM

-झारखंड में पहली बार किसी स्कूल में हुई एरो-इनोवेशन लैब की शुरुआत-देश के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा व कल्पना चावला के नाम पर बनाए गए विशेष लैब-ज्ञान के हर क्षेत्र में बच्चों को पारंगत बनाना जरूरी : डॉ. गंगवारबोकारो 6 दिसंबर (आरएनएस)। विद्यार्थियों के समग्र विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित करने वाले डीपीएस बोकारो ने एक और नया आयाम जोड़ दिया है। विद्यालय में बुधवार को एरो-इनोवेशन लैब (एरो लैब) का शुभारंभ हुआ, जहां विद्यार्थी अब पढ़ाई के साथ-साथ एयरोनॉटिक्स, एविएशन और स्पेस टेक्नोलॉजी सहित कई महत्वपूर्ण तकनीकी गुर सीख सकेंगे। इसके साथ ही डीपीएस बोकारो झारखंड का पहला विद्यालय बन गया है, जहां इस प्रकार का लैब स्थापित किया गया है। देश के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा और पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर इसका नामांकरण किया गया है। लैब का उद्घाटन करते हुए विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने कहा कि समय के साथ शिक्षा के दायरे और स्वरूप में काफी बदलाव हो चुका है। शिक्षा अब विविध रूपों में है। एविएशन, एरोनॉटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी करियर की अपार संभावनाएं हैं। विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हमारा देश काफी आगे बढ़ चुका है और बच्चों को शुरू से ही इन चीजों से व्यावहारिक रूप में अवगत कराना आवश्यक है। इसी सोच के साथ डीपीएस बोकारो ने यह पहल की है और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के जरिए बच्चों को अब आकाशीय दुनिया के साथ-साथ विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों के गुर सिखा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्यालय अपने छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि के अनुरूप करियर का हर विकल्प व अवसर देने की दिशा में कटिबद्ध है। इसी के तहत वर्चुअल रियलिटी लैब, कॉमर्स लैब, रोबोटिक्स लैब जैसे संसाधन यहां पहले से मौजूद हैं। ज्ञान के हर क्षेत्र में बच्चों को पारंगत बनाना जरूरी है।*Óस्टीमÓ एजुकेशन के तहत की गई है पहल*नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों को व्यावहारिक और अनुभव आधारित शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से स्टीम (एस- साइंस, टी- टेक्नोलॉजी, ई- इंजीनियरिंग, ए- आट्र्स एवं एम- मैथमेटिक्स) एजुकेशन के तहत डीपीएस बोकारो ने एरो इनोवेशन लैब की शुरुआत की है। बच्चे स्पेस साइंस, एयरोडायनेमिक्स, हाइड्रोलिक्स, आर्किटेक्चर के जो सिद्धांत किताबों में पढ़ते हैं, वो तमाम चीजें जीवंत रूप में इस लैब में जीवंत रूप में देखकर-छूकर कॉन्सेप्ट को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।*3-डी प्रिंटिंग, लेजर तकनीक और मौसम विज्ञान की भी दे रहे जानकारी*विमानन में नवाचार के इस भव्य लैब में प्रदूषणरहित 3-डी प्रिंटिंग, सीएनसी लेजर कटिंग, मैकेनिकल टूल्स, वेदर मैन, विंड टनल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रॉकेट साइंस, सैटेलाइट, मार्स रोवर, हाइड्रोलिक आधारित एक्सवेटर, ट्रांजिस्टर व सेंसर आधारित वायुयान संचालन आदि की बारीकियां बच्चों को सिखाई जा रही हैं। इसके अलावा भवन-निर्माण अभियंत्रण, तकनीक आधारित कलात्मक निर्माण के बारे में भी चलंत मॉडलों के जरिए बच्चों को व्यावहारिक जानकारी दी जाती है।




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