(बोकारो)गैंगेस्टर अमन सिंह को जेल में ढेर करने वाला फर्जी पहचान है सुंदर महतो , उत्तर प्रदेश निवासी शार्प शूटर का असली नाम रितेश यादव है,आशीष व रिंकू है मास्टर माइंडज्मामले में हाई कोर्ट ने जेल आईजी किया रिपोर्ट तलब
- 06-Dec-23 12:00 AM
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बोकारो 6 दिसंबर (आरएनएस)। धनबाद जेल में बंद पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के आरोपी उत्तर प्रदेश का शार्प शूटर अमन सिंह को छलनी करने वाला सुंदर महतो का असली नाम रितेश यादव है। बोकारो जिले के तेलो का सुंदर महतो बताकर बाइक चोरी में जेल गया था। सुंदर का असली नाम रितेश यादव है। वह उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ का रहने वाला है।अमन सिंह की बॉडी देख फफक फफक कर रो पड़े पिता और भाई, कहा- सुनियोजित तरीके से मर्डर की गईपुलिस पूछताछ में रीतेश यादव खुद को सुंदर महतो ही बताने की कोशिश कर रहा था। पुलिस सख्ती के बाद वह टूट गया जिससे राज खुल गया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि बड़ी प्लानिंग से जेल में अमन सिंह की मर्डर करायी गयी है। अभी तक की पुलिसिया छानबीन व परिजनों के आरोपों के अनुसार प्रयागराज का क्रिमिनल रिंकू सिंह ही अमन सिंह मर्डर केस का असली मास्टरमाइंड है।मालूम हो कि धनबाद की मुनीडीह पुलिस ने 25 नवंबर 2023 को चोरी की बाइक के साथ रितेश को पकड़ा तो रीतेश ने अपना नाम सुंदर महतो, पिता का नाम गुरुचरण महतो, पता तेलो चंद्रपुरा (जिला बोकारो) बताया था। मुनीडीह पुलिस की सूचना पर तेलो में सघन छानबीन की गयी, लेकिन सुंदर नाम के व्यक्ति की पहचान वाला कोई नहीं मिला।आशीष व रिंकू ने रीतेश का ब्रेनवॉश कर कर उसको इंस्टूमेंट बनायापुलिस सोर्सेज का कहना है कि धनबाद जेल से बेल पर बाहर निकला उत्तर प्रदेश के प्रयागरज का कुख्यात रिंकू सिंह ने प्रतापगढ़ में रितेश यादव से संपर्क कर जेल जाकर घटना को अंजाम देने के लिए उसे तैयार किया। बदले में उसे मोटी रकम का लालच दिया गया। इस काम में रिंकू के साथ धनबाद टाउन के हीरापुर जेसी मल्लिक रोड निवासी आशीष रंजन सिंह उर्फ छोटू भी शामिल है। इसके बाद बाइक चोरी का प्लॉट तैयार किया गया। चोरी की बाइक के साथ पकड़े जाने पर मुनीडीह ओपी प्रभारी सालो हेंब्रम के बयान पर कांड संख्या 169/23 दर्ज कर सुंदर महतो को जेल भेज दिया गया। घटना के बाद पुलिस छानबीन में खुलासा हुआ वह रीतेश यादव है।रिंकू व अमन में पैसे को लेकर हुआ था विवादरिंकू सिंह और अमन सिंह पहले साथ थे। नीरज सिंह मर्डर केस में पुलिस ने रिंकू सिंह को भी आरोपित किया था। उत्तर प्रदेश से रिंकू को धनबाद जेल भी लाया गया था। अमन मुख्य रुप से रिंकू का ही चेला था। धनबाद जेल में रहने के दौरान रिंकू सिंह व अमन में रंगदारी से आ रही रकम की हिस्सेदारी को लेकर विवाद हो गया था। अमन खुद गैंग बनाकर लाखों रुपये प्रतिमाह वसूली करने लगा। रंगदारी की रमक वह अपने भाई व रिश्तेदारों को देकर सम्पति खड़ा करने लगा। अमन की बदौलत उसका भाई धनबाद आकर कोयला के व्यपार में शामिल हो गया। कथित रुप से कोयले की आड़ में उसके परिजन अमन की रंगदारी की राशि को एक नंबर बनाने लगे। इससे रिंकू व आशीष की अमन से दूरी बढ़ गयी। पुलिस को आशंका है कि पैसे के लेन-देन का विवाद भी अमन की मर्डर का एक कारण हो सकता है।वैसे पुलिस अभी तक अमन सिंह की मर्डर को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है।अमन की मर्डर में रीतेश को मोहरा बनाया गया है। रिंकू और आशीष के ऊपर भी कोई है, जिसने यह साजिश रची है। पुलिस इस दिशा में काम कर रही है। रितेश उर्फ सुंदर को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर सरायढेला पुलिस स्टेशन में रखकर पूछताछ की जायेगी।अमन का अपने गुट में हो गया था विवादधनबाद जेल में शूटर अमन सिंह मर्डर मामले में सुंदर महतो उर्फ रीतेश यादव के अलावा अन्य कई बंदियों की संलिप्ता के साक्ष्य भी मिले हैं। सुंदर के अलावा, सतीश साव उर्फ गांधी, विकास बजरंगी की भी संलिप्तता की बात कही जा रही है। अमन सिंह की मर्डर में सुंदर का साथ कई बंदियों ने दिया था। सोर्सेज का कहना है कि दो दिन पहले ही दो पिस्टल जेल के अंदर मंगवाया गया था। आरोप है कि इसमें सतीश सिंह हत्याकांड में जेल में बंद सतीश साव उर्फ गांधी व विकास बजरंगी ने उसका सहयोग किया है। इसके अलावा भी कई बंदी इसमें जुड़े हुए हैं।सोर्सेज के अनुसार जेल के हॉस्पिटल वार्ड में एडमिट अमन सिंह अपने बेड पर था। इसी दौरान वहां पहुंचे सुंदर महतो के साथ गांधी व विकास ने उसे घेर लिया । जब तक अमन कुछ समझ पाता, उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगी। एक-एक कर उसे नौ गोलियां मारी गयी। अमन ने जेल हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। एसएनएमएमसीएच ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।अमन सिंह की मर्डर की प्लानिंग लगभग एक साल पहले की गयी थी। अमन को अपनी मर्डर की आशंका थी। अमन भी कोर्ट में पेशी के दौरान अपनी मर्डर की आशंका जताया करता था। बाहर मौका नहीं मिलने पर प्लानिंग कर कई बंदियों को शामिल कर अमन सिंह की मर्डर करायी गयी।बताया जाता है कि पिछले कई सालों से अमन सिंह धनबाद ही नहीं झारखंड के अन्य जिलों में भी अपना एक बड़ा गैंग तैयार कर लिया था। धनबाद-बोकारो के कई क्रिमिनल उसके गैंग से जुड़े थे। धनबाद जिले के कई क्रिमिनल जो अभी धनबाद जेल में बंद हैं, अमन के लिए काम करते थे।जेल हॉस्पिटल में एडमिट 16 बंदी हुए फिट, सेल में किये गये शिफ्टशार्प शूटर अमन सिंह की जेल हॉस्पिटल में हुई मर्डर के बाद 22 कैदियों में 16 को सोमवार को मेडिकल जांच के बाद फिट घोषित कर दिया गया। जिला प्रशासन के निर्देश पर सोमवार को हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम जेल हॉस्पिटल पहुंच वहां एडमिट बंदियों की जांच की। जांच के बाद16 बंदियों को फिट घोषित कर दिया गया। इसके बाद 16 बंदियों सेल में शिफ्ट कर दिया गया। जेल हॉस्पिटल के 30 बेड पर सोमवार को 22 बंदी एडमिट थे। स्वस्थ मिले कैदियों को तत्काल सेल में भेज दिया गया। वहीं छह अस्वस्थ बंदी को जेल हॉस्पिटल में रखा गया है।जब्त मोबाइलों में अगर सिम चालू हैं तो उनके सीडीआर से भी कई राज खुल सकते हैं। धनबाद जेल में बंद दो कैदी ऐसे हैं जो मोबाइल से कैदियों के परिजनों से बातचीत कराने के एवज में प्रति माह लाखों रुपये कमा रहे हैं। जेल के भीतर उनका अपना साम्राज्य चलता है। उन्हें यहां से दूसरे जेल में शिफ्ट करने की सख्त जरूरत है।वे अपने मामलों में जेल के भीतर से ही अपने वकीलों से बात करते हैं।बहरहाल जांच की रफ्तार रफ्ता रफ्ता ज्यों बढ़ेगी मोहरा सुंदर की जुबानी कहानी के निर्माता और निर्देशक को बेपर्द करेगी।झारखंड हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस ने लिया संज्ञान..जेल आईजी से किया रिपोर्ट तलब..धनबाद जेल में 3 दिसंबर को दिनदहाड़े कुख्यात अपराधी की हत्या से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं. झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा है कि चुस्त व्यवस्था होने के बावजूद जेल में आम्र्स कैसे पहुंच गया. सरकार को बताना है कि प्रशासन से कहां चूक हुई है. हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि कोर्ट ने जेल आईजी को वर्चुअल मोड पर उपस्थित रहने का आदेश दिया है. इस मामले को लेकर 5 दिसंबर को सुनवाई होगी.खास बात है कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है जब जेल के भीतर किसी अपराधी की गोली मारकर हत्या हुई है. इससे पहले जेल के भीतर कैदियों के बीच झड़प की कई घटनाएं सामने आती रही हैं. साथ ही कोर्ट कैंपस में भी कई हत्याएं हो चुकी हैं. पूर्व की घटनाओं को लेकर हाईकोर्ट पहले भी नाराजगी जता चुका है. हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर जिलों के सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की आए दिन समीक्षा होती रहती है. लेकिन जेल के भीतर इतनी सुरक्षा होने के बावजूद जिस तरीके से शूटर अमन सिंह की हत्या हुई है, उससे पूरा पुलिस महकमा सवालों के घेरे में है. धनबाद में हुए फायरिंग कांड के बाद कई जेलों में औचक निरीक्षण किया गया है.आपको बता दें कि शूटर अमन सिंह मूल रुप से उत्तर प्रदेश के अंबेदकर नगर जिले का निवासी था. उसकी हत्या के बाद पुलिस ने बताया था कि अपराधी की पहचान हो गई है. उसे अलग सेल में डाल दिया गया है. इस बीच आशीष रंजन उर्फ छोटू नामक शख्स का एक ऑडियो वायरल हुआ है. उसका दावा है कि उसने जेल में अपने एक साथी की मदद से हत्याकांड को अंजाम दिलाया है. इस हत्याकांड के बाद डीजीपी ने सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है. इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. दूसरी ओर जेल आईजी उमाशंकर सिंह ने जेल एआईजी हामिद अख्तर के नेतृत्व में एक टीम को धनबाद भेजा है. इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि जेल के भीतर आम्र्स कैसे पहुंचा।
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