(बोकारो)दुर्गा वाहिनी से जुड़े हर घर की महिला : अनुराधा कच्छप

  • 14-Oct-23 12:00 AM

बोकारो ,14 अक्टूबर (आरएनएस)। दुर्गा वाहिनी विश्व हिंदू परिषद की महिला इकाई है। शक्ति स्वरूपिणी माता दुर्गा को अपनी प्रेरणा स्रोत मानकर इसकी स्थापना 1991 ईस्वी में दुर्गा अष्टमी के दिन हुई और प्रथम संयोजिका (अध्यक्ष) साध्वी ऋतंभरा व सह संयोजीका डॉ निर्मला पुरोहित को बनाया गया । इनके नेतृत्व में ही सेवा ,सुरक्षा और संस्कार को अपना ध्येय वाक्य मानकर देशभर की महिलाओं व युवतियों को अपने समाज, धर्म, राष्ट्र के लिए समाज में व्याप्त दुराचार पापाचार भ्रष्टाचार एवं कूरितियों के प्रति जागरुक करने का कार्य प्रारंभ किया गया । ये बातें दुर्गा वाहिनी प्रांत संयोजिका ( झारखंड प्रांत) अनुराधा कच्छप ने ?कही. उन्होंने प्रत्येक महिला को संगठन से जुडऩे की अपील की है। बताया कि सेवा यानी समाज में नि:स्वार्थ भावना से सेवा कार्य करना, कहीं ना कहीं हम समाज से नहीं जुड़ पाते हैं। इस कारण धर्मांतरण के माध्यम से वह हमसे टूटने लगते हैं, तो इस स्थिति को सुधारने का एक प्रयास करना ,सुरक्षा यानी वर्तमान स्थिति के अनुसार सबसे पहले महिलाओं को अपने अस्मिता की अपने शील की सुरक्षा कैसे करनी है इस पर कार्य करना,आज कहीं ना कहीं बहने आत्म सम्मान,आत्म सुरक्षा के गुण को नहीं अपनाने और हम किस कुल से हैं किस धर्म से हैं इस बात को नहीं समझ पाने के कारण या फिर यह कहें कि अपने महत्व को ना समझ पाने के कारण ही लव जिहाद जैसे कारनामों से अपना जीवन बर्बाद कर रही हैं। इन्हीं विषयों को ध्यान में रखकर सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करना और संस्कार यानी हमारा समाज अभी कहीं ना कहीं आधुनिकता के नाम पर पाश्चात्य की ओर बढ़ रहा है और इसके कारण हमारे बाद की जो पीढ़ी है वह अपने संस्कारों को स्वीकार करने में रुचि नहीं रख रहे हैं। जिससे हमारे धर्म का हमारे संस्कारों का क्षरण हो रहा है, तो हम किस प्रकार से अपने बच्चों को अपने परिवार को अपने संस्कारों को ,रुचि पूर्वक आत्मसात करने में सहयोग करें इन्हीं सारी विषयों को लेकर दुर्गा वाहिनी समाज में कार्यरत है। इसके लिए दुर्गा वाहिनी प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण भी देती है। राष्ट्रीय प्रशिक्षण में पूरे राष्ट्र की हर प्रांत से बहनें प्रशिक्षण के लिए आती हैं।और प्रांतीय वर्गों में प्रांत के जितने भी जिले हैं सभी जिला से बहनें प्रशिक्षण में भाग लेती हैं ,प्रशिक्षण में शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से बहनों को प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में झारखंड के सभी जिलों में अपनी समिति है ।दुर्गा वाहिनी की बहनें अपने-अपने क्षेत्र में बहुत ही सक्रियता से कार्य कर रही हैं और वर्तमान परिप्रेक्ष्य के अनुसार समाज की हर हिंदू युवतियों हर महिलाओं को दुर्गा वाहिनी मातृ शक्ति का कार्य करना चाहिए जिससे हम भारत को पुन: विश्व गुरु के पद पर पद स्थापित कर सकें।




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