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बोकारो 11 दिसंबर (आरएनएस)। बोकारो जनरल अस्पताल में नवजात की मौत के बाद मंगलवार को परिजनों ने सदर अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। करीब दो घंटे तक हंगामे के चलते ओपीडी के चिकित्सकों ने ओपीडी बंद कर दिया। बोकारो सदर अस्पताल में प्रसूता की आठ दिसंबर को सिजेरियन के बाद नवजात हुआ। उसके बाद नवजात की हालत गंभीर हो गयी। चिकित्सक के सलाह पर परिजन नवजात को बोकारो जेनरल अस्पताल ले गये। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। भर्रा निवासी परिजन सरफराज आलम अंसारी ने सदर अस्पताल के चिकित्सक व व्यवस्था पर लगाया। प्रभारी डीएस डॉ सौरव सांख्यान को कुछ देर तक कमरे में रोक लिया। जिसकी सूचना बीएस सिटी थाना को दी गयी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। घटना की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद एक्शन में आ गये। जांच टीम का गठन के साथ-साथ प्रसव कक्ष में कार्यरत सभी नर्स को हटा दिया।चास थाना क्षेत्र भर्रा निवासी सरफराज आलम अंसारी ने बताया कि पत्नी समा परवीन को तीन दिसंबर को सदर अस्पताल के ओपीडी में जांच कराया। इलाज करने वाली डॉ रेखा ने छह दिसंबर को अस्पताल में नॉर्मल डिलेवरी के लिए भर्ती कराने को कहा। जब छह दिसंबर को पत्नी को लेकर सदर अस्पताल में भर्ती कराने पहुंचे। उस वक्त भर्ती नहीं लिया गया। जब पत्नी के पेट में काफी ज्यादा दर्द होने लगा, तो आठ दिसंबर को मरीज का सिजेरियन डिलेवरी किया गया। सिजेरियन के बाद बताया गया कि बच्चे के मुंह में गंदगी चला गया है। स्थिति को देखते हुए इलाज के लिए बीजीएच में रेफर कर दिया गया। बीजीएच जाने पर बच्चे की मौत हो गयी। नौ दिसंबर को परिजनों ने शव को दफना दिया। 10 दिसंबर को सदर अस्पताल पहुंचकर जोरदार हंगामा किया।सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान प्रसूता समा परवीन की स्थिति गंभीर होने व रेफर के बाद बीजीएच में नवजात की मौत पर सीएस डॉ अभय भूषण प्रसाद ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसीएमओ के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया। टीम में एसीएमओ डॉ एचके मिश्रा, डीआरसीएचओ डॉ सेलिना टुडू, डीटीओ डॉ एसएम जफरूल्लाह, डीएलओ डॉ सुधा को शामिल किया गया है। सिविल सर्जन डॉ प्रसाद ने टीम सदस्यों से 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगा है। इसके अलावा सिविल सर्जन ने प्रसूता के परिजनों के आरोप पर एक्शन लेते हुए मंगलवार को अस्पताल में प्रथम व द्वितीय पाली में डिलिवरी कक्ष में कार्यरत सभी जीएनएम व एएनएम को हटा दिया है। साथ ही स्पष्टीकरण कर 24 घंटे में जवाब मांगा है. जवाब संतुष्ट नहीं होने पर आगे की कार्रवाई तक की जायेगी।
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