(बोकारो)पूर्व मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो के केस को वापस लेगी सरकार
- 28-Nov-23 12:00 AM
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बोकारो 28 नवंबर (आरएनएस)। झारखंड सरकार पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेगी। बता दें कि दारोगा की हत्या मामले मामले में उनके साथ पांच अन्य लोगों पर केस चल रहा था। झारखंड सरकार इन सभी पांचों अभियुक्तों पर दर्ज केस को वापस लेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। फिलहाल केस की सुनवाई बोकारो जिला कोर्ट में हो रही है। मिली खबर के मुताबिक झारखंड सरकार ने केस खत्म करने के लिए बोकारो के लोक अभियोजक यानी पीपी से विमर्श किया है। विमर्श के बाद गृह विभाग के अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार कर झारखंड के विधि विभाग को भेज दिया है। विधि विभाग से कागजी कार्यवाही होने के बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जायेगा। कैबिनेट से मंजूरी के बाद सरकार केस खत्म करने के लिए बोकारो जिला अदालत में आवेदन देगी। बता दें कि पूर्व मंत्री महतो का निधन 6 अप्रैल 2023 को चेन्नई में इलाज के दौरान हो गया था। निधन के समय़ वे झारखंड के शिक्षा मंत्री थे। क्या है मामला दारोगा की हत्या का ये केस मई 2016 में दर्ज किया गया था। इसे बेरमो को तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी के आवेदन पर दर्ज किया गया था। लियांगी के बयान में कहा गया था कि झारखंड की स्थानीय नीति को लेकर 14 से 16 को झारखंड बंद बुलाया गया था। इस बंद का आह्वान जेएमएम के साथ अन्य दलों ने भी किया था। बंद को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लगा रखा था। लेकिन जगरनाथ महतो अपने हजारों समर्थकों के साथ नावाडीह के गोबरगढ़ा में सभा करने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान एक जुलूस की शक्ल में लोगों की भीड़ वहां जमा होने लगी थी। सूचना मिलने पर नावाडीह के थाना प्रभारी रामचंद्र राम वहां पहुंचे। इस दौरान भीड़ उग्र हो गयी और थाना प्रभारी के साथ उलझ गया। इस बीच थाना प्रभारी रामचंद्र राम जलती मशालों में घिर गये और दम घुटने से उनकी मौत हो गयी। इस मौत के लिए पूर्व मंत्री महतो सहित पांच लोगों के अभियुक्त बनाया गया था। पूर्व मंत्री के साथ इन सभी पर दर्ज मुकदमे को समाप्त किया जायेगा। पूर्व मंत्री के साथ ये लोग है अभियुक्त दारोगा की मौत मामले में पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो के साथ उनके चार अन्य समर्थकों को अभियुक्त बनाया गया था। इनके नाम हैं, गौरीशंकर महतो, बालेश्वर महतो, बिलसी देवी और विश्वनाथ महतो। इन सभी के खिलाफ नावाडीह थाने में आईपीससी की धारा 147,148,139,188, 323 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में विधायक के अभियुक्त होने के कारण केस को टेनुघाट कोर्ट से धनबाद के पीएमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
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