(बोकारो)सड़क दुर्घटना से संबंधित मामलों का ससमय निष्पादन करें: पीडीजे

  • 19-Oct-23 12:00 AM

पीडि़त परिवार को ससमय मुआवजा राशि भुगतान करना होनी चाहिए प्राथमिकताबोकारो 19 अक्टूबर (आरएनएस)। न्याय सदन सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुमारी रंजना अस्थाना,उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक सह सदस्य जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रियदर्शी आलोक, कुटुंब न्यायाधीश आलोक कुमार दूबे, प्रेसिडिंग ऑफीसर लेबर कोर्ट अनुज कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वन पवन कुमार, आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर अपने संबोधन में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायलों को चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने एवं मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि भुगतान करने पूरी प्रक्रिया में पुलिस एवं चिकित्सा पदाधिकारियों की अहम भूमिका है। ऐसे मामलों में पुलिस को अनुसंधान में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्धारित समय में डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर)/ पोस्टमार्टम रिपोर्ट (पीएमआर) संबंधित अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) को समर्पित करना चाहिए। ताकि दुर्घटना में मौत के बाद मृतक के परिजनों को ससमय मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके,यह प्राथमिकता होनी चाहिए। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पीडीजे) ने बीमा कंपनी से संबंधित नोडल पदाधिकारी/अधिवक्ताओं को भी मामलों के निष्पादन में गंभीरता बरतनें एवं सुनवाई के क्रम में सभी जरूरी दस्तावेजों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। कार्यशाला में शामिल न्यायिक पदाधिकारियों,अधिवक्ताओं/सभी थाना प्रभारियों/अनुसंधान पदाधिकारी आदि को कार्यशाला में बताई जाने वाली बातों को सभी संबंधितों को गंभीरता से लेने,उन्हें जानने/बिना संकोच किसी भी बात को रिसोर्स पर्सन से पूछने और भविष्य में उस पर अमल करने की बात कहीं।इससे पूर्व, कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन सह जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वन पवन कुमार ने सड़क दुर्घटना एवं मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से संबंधित कानूनी धाराओं/प्रावधानों के संबंध में विस्तार से बताया। उन्होंने सड़क दुर्घटना के बाद पीडि़त को ससमय मुआवजा भुगतान में पुलिस की भूमिका/कर्तव्य, चिकित्सक की भूमिका/कर्तव्य, बीमा कंपनियों की भूमिका/कर्तव्य के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। वहीं, रिसोर्स पर्सन टू श्री आनन्द वर्धन ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मोटर वाहन अधिनियम में जोड़ें गए अध्यादेश के संबंध में बताया। कहां कि पुलिस कि काफी जिम्मेवारी बढ़ गई है, सभी कार्यों को ससमय एक निश्चित टाइम फ्रेम में पूरी करनी है। साथ ही, इसकी जानकारी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल एवं स्टेट लीगल अथॉरिटी को 48 घंटे के अंदर देनी है। इस कार्यशाला में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय राजीव रंजन,जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह,सीजेएम दिव्या मिश्रा,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लूसी सोसेन तिग्गा, डीएलएसए सचिव निभा रंजना लकड़ा एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारीगण,जिला परिवहन पदाधिकारी वंदना सेजवलकर, ट्राफिक डीएसपी पुनम मिंज,सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार,सभी थानों के थाना प्रभारी आदि उपस्थित थे।




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