(बोकारो)स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के द्वारा धनबाद लोकसभा सांसद को एक निवेदनपत्र सौपा
- 30-Nov-23 12:00 AM
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बोकारो 30 नवंबर (आरएनएस)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा मुकुल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल जिसमें सचिव बबलू पांडेय, सलाहकार संजय तिवारी, सलाहकार सुबोध सिंह और उमेश प्रसाद सम्मिलित रहे बोकारो की जीवन रेखा गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने हेतु लोकसभा के आगामी सत्र में केंद्र सरकार से प्रश्न पूछने हेतु धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह से उनके धनबाद स्थित आवास पर मिलकर एक निवेदनपत्र दिया । पत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराया गया कि गरगा नदी बोकारो जिला के कसमार के कलौंदी बांध जलकुंड से निकलती है और दामोदर में तेलमच्चो पूल के पास मिलती है । इस नदी की उत्पत्ति भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर आयोजित यज्ञ में जल की कमी को दूर करने को हुई थी । मान्यता है कि ऋषिश्रेष्ठ गर्ग ने अपने तपोबल से भूगर्भ से द्वापर में इसे उत्पन्न किया था । इस नदी पर बने गरगा डैम तक तो इसका जल शुद्ध रहता है पर जैसे ही यह डैम से बाहर आती है बोकारो इस्पात संयंत्र के आवासीय कॉलोनियों के गंदे नालों और चास नगर निगम क्षेत्र के गंदे नालों का अनवरत प्रवाह इसमें होता है और यह नदी अत्यंत प्रदूषित हो जाती है । संस्थान द्वारा कई बार सरकार और इस्पात प्रबंधन से पत्राचार करने से जवाब मिलता है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा ऑक्सीडेशन पौंड बनाया गया है जिसमें गंदे नालों को साफ कर दिया जाता है परंतु संस्थान का मानना है कि इस्पात प्रबंधन गलत जानकारी देता है क्योंकि ऑक्सीडेशन पौंड से सिर्फ ठोस और अघुलनशील गंदगी ही थोड़ी साफ होती है पर जो घुलनशील और केमिकल मिली गंदगी होती ओ साफ नहीं होती और नदी में मिल इसको प्रदूषित करती है । नदी को प्रदूषित करना दंडनीय अपराध है फिरभी सरकारी प्रतिष्ठान द्वारा नदी को प्रदूषित किया जाना अत्यंत ही चिंतनीय है । यह नदी पौराणिक और धार्मिक महत्व से भी जुड़ी है जिसका प्राचीन नाम गर्ग-गंगा है तथा इसका जल भगवान शकर पर चढ़ाया जाता है साथ ही इसके जल में पवित्र छठ पर्व भी मनाया जाता है । सांसद ने इस बात को गंभीरता से लिया और इस विषय पर लोकसभा में प्रश्न पूछने के लिए आश्वस्त किया और कहा कि गरगा नदी को प्रदूषित करना घोर अपराध है ।
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