(बोकारो) प्रवासी मजदूरों का मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है
- 02-Dec-23 12:00 AM
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*गोमियां के प्रवासी मजदूर की मुम्बई में हुई मौत*बोकारो,02 दिसंबर (आरएनएस)। प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है।इसी क्रम में बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत छोटकी सिधाबारा के मजदूर की मुम्बई के पोलवा के खारकोपर में शुक्रवार रात को मौत हो गयी।मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि गोमियां के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र अंतर्गत छोटकी सिधाबारा निवासी भरत महतो के 22 वर्षीय पुत्र अमिंद्र महतो की शनिवार रात को मुम्बई के पोलवा के खारकोपर में मौत हो गयी।मौत की सूचना मिलते ही परिजन सकते में है तो वहीं गांव वाले भी शोक में हैं।घटना के कारणों के बारे में अभी तक कोई पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है।मृतक अमिंद्र महतो मुम्बई में केएन घारक में हाइवा ट्रक चला रहा था।मृतक अपने पीछे पिता भरत महतो और माता फुलेश्वरी देवी को छोड़ गया।इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली संवेदना प्रकट करते हुए करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है।इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है।रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत और फंसे होने की खबरें आ रही है।प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले से रोजी कमाने गये लोगों की है।अभी सऊदी अरब में पांच मजदूर जो फंसे हुए है और उन्हें आठ महीने से वेतन नही दिया गया है।आज हमारे क्षेत्र के पढे लिखे नौजवान अपना घर छोड़कर परदेस गये इनकी जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है।किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है, तो किसी को 3 महीने भी लग जाते हैं।ऐसे में सरकार को रोजग़ार के ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए।ताकि मजदूरो का पलायन रोका जा सके।
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