
(भानुप्रतापपुर) धर्मांतरण के चलते अंतिम संस्कार पर विवाद, तीन दिन बाद भानुप्रतापपुर में हुआ अंतिम संस्कार
- 13-Sep-25 11:33 AM
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भानुप्रतापपुर, 13 सितंबर (आरएनएस)। कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के कोदा पाखा गांव में एक धर्मांतरण से जुड़े मामले ने अंतिम संस्कार को लेकर गंभीर विवाद का रूप ले लिया। एक सड़क हादसे में मारे गए ईसाई धर्म अपना चुके मैनु राम के अंतिम संस्कार को लेकर गांववालों और परिजनों के बीच तीखी तनातनी हो गई, जो तीन दिन तक चली। मैनु राम की मृत्यु के बाद उनके परिजन पारंपरिक रूप से गांव की सीमा के भीतर स्थित निजी भूमि पर अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया। ग्रामीणों का तर्क था कि किसी धर्मांतरित व्यक्ति का अंतिम संस्कार गांव की जमीन पर नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उनकी सांस्कृतिक परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं पर असर पड़ेगा। इस विवाद की सूचना मिलने पर दुर्गूकोंदल पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपने फैसले पर अड़े रहे। हालात बिगड़ते देख परिजनों ने शव को भानुप्रतापपुर ले जाने का निर्णय लिया।
भानुप्रतापपुर में भी हुआ विरोध
शव को जब भानुप्रतापपुर स्थित मसीही समाज के कब्रिस्तान में लाया गया, तो वहां भी कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। विवाद के गहराने पर नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल सिंह राठौर, मसीही समाज के अध्यक्ष जितेंद्र बेंजामिन और अन्य समाज प्रतिनिधियों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपनी बात रखी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने मामले में हस्तक्षेप किया। बातचीत के बाद अंतत: यह सहमति बनी कि मृतक का अंतिम संस्कार मसीही समाज के कब्रिस्तान में किया जाएगा, लेकिन यह भी तय किया गया कि भविष्य में ऐसे मामलों में वहां अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रशासनिक निगरानी में हुआ अंतिम संस्कार
तीन दिन पुराने शव का अंतिम संस्कार देर रात खराब मौसम के बीच प्रशासन और पुलिस की निगरानी में कराया गया। इस दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था भी तैनात रही ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने। इस घटना ने धर्म और परंपरा को लेकर समाज में मौजूद गहराई से जड़ें जमाए मतभेदों को एक बार फिर सामने ला दिया है। प्रशासन अब ऐसे विवादों से निपटने के लिए भविष्य की रणनीति पर विचार कर रहा है।
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