(भिलाई)रिसाली नगर निगम की बड़ी लापरवाही: वार्ड 8 का पार्क बना हादसों का केंद्र, बिजली के खुले तारों से खतरा: महेंद्र वर्मा

  • 23-Sep-25 12:17 PM

   हर्ष शुक्ला=

भिलाई/रिसाली, 23 सितंबर (आरएनएस) : रिसाली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 8 में एक चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार एवं सोशल जस्टिस कमीशन के प्रदेश सचिव महेंद्र वर्मा ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाते हुए कई वीडियो साक्ष्य साझा किए हैं। इन साक्ष्यों में दिखाया गया है कि वार्ड का पार्क न केवल उपेक्षित है, बल्कि जानलेवा खतरों से भरा हुआ है, जो कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।


*पार्क में मौत का जाल: खुले तार, करंट और धुआं*

वर्मा ने अपने पहले वीडियो में रिसाली सेक्टर इस्पात क्लब के सामने स्थित पार्क के गेट पर ही बिजली के तारों की खतरनाक स्थिति उजागर की। उन्होंने दिखाया कि पेड़ में लिपटे हुए ये तार बरसात में पूरी तरह से करंट प्रवाहित हो जाते हैं, जिससे यह जानलेवा रूप ले लेता है। वीडियो में पार्क के अंदर एक बिजली के खंभे के पास जमीन से धुआं उठता हुआ भी नजर आया, जो यह संकेत देता है कि जमीन में करंट रिस रहा है।

वर्मा ने आगे बताया कि पूरे पार्क में ही बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के खुले तार फैले हुए हैं। यह न केवल सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन है, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और जानवरों की जान को भी सीधा खतरा है।


*लापरवाही का शिकार: बेजुबान जानवर और नागरिक*

नगर निगम की यह लापरवाही सिर्फ इंसानों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बेजुबान जानवरों के लिए भी खतरा बनी हुई है। वर्मा ने और एक वीडियो में बताया कि पार्क के पास खुले गटर में एक नवजात डॉग गिर गया था। उसकी माँ मदद के लिए बार-बार गुहार लगा रही थी। वर्मा और उनकी टीम ने खुद जाकर उस बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला और उसकी जान बचाई। यह घटना दर्शाती है कि शहर में बुनियादी ढांचों की उपेक्षा किस हद तक है।

वहीं पार्क में जनता की सुविधा के लिए दो प्रवेश द्वार बनाए गए थे—एक मुख्य गेट और दूसरा आस-पास के निवासियों के लिए एक छोटा गेट। लेकिन, लापरवाही का आलम यह है कि छोटे गेट को हटाकर उस जगह को लकड़ियों के ढेर से पूरी तरह जाम कर दिया गया है। इससे स्थानीय लोगों को पार्क में आने-जाने के लिए लंबा चक्कर काटना पड़ रहा है। इस अव्यवस्था के अलावा, पार्क के चारों ओर गंदगी और कचरे का अंबार भी लगा हुआ है, जो नगर निगम की उदासीनता को स्पष्ट रूप से उजागर करता है।


*एक ही निगम में दोहरी नीति पर तीखा हमला*

वर्मा ने नगर निगम पर भेदभाव का सीधा आरोप लगाते हुए मरोदा सेक्टर के पार्क की स्थिति की वीडियो में दिखाया। और उन्होंने बताया कि जहाँ मरोदा के पार्क में हरी-भरी घास, सुंदर पेड़-पौधे, बच्चों के झूले, बैठने की व्यवस्था और हाईटेक लाइट्स जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं, वहीं वार्ड 8 का पार्क हादसों और बीमारियों का केंद्र बन चुका है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब दोनों पार्क एक ही नगर निगम के अधीन हैं, तो सुविधाओं में यह भेदभाव किस आधार पर किया जा रहा है? वर्मा ने निगम पर "एक ही पिता के दो पुत्रों" के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया।


*जनता से अपील और निगम से जवाबदेही की मांग* 

इस गंभीर खुलासे के बाद वर्मा ने जनता से अपील की है कि जब तक रिसाली नगर निगम इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक वे इस पार्क में न जाएं, ताकि किसी की जान को खतरा न हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि "कोई हादसा होने से पहले हम सभी को जागना होगा।"

रिसाली नगर निगम की यह लापरवाही अब अनदेखी करने योग्य नहीं है। जब एक समाजसेवक ने जनता की आवाज बनकर इतना गंभीर मुद्दा सामने ला दिया है, तो अब प्रशासन का कर्तव्य है कि वह बिना किसी देरी के तुरंत कार्रवाई करे और इस गंभीर मुद्दे पर जनता को जवाब दे।




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