(भिलाईनगर) शब्दभेदी बाणों के सिद्धहस्त कलाकार कोदूराम वर्मा का जन्म शताब्दी समारोह आयोजित

  • 02-Apr-25 12:20 PM

भिलाईनगर, 02 अप्रैल (आरएनएस)। शब्दभेदी बाण चलाने वाले सिद्धहस्त कलाकार  स्वर्गीय कोदूराम वर्मा के सौवें जन्म दिवस पर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में स्थित उनके जन्म ग्राम भिंभौरी में कल एक अप्रैल को समारोह आयोजित किया गया. भिलाई नगर की साहित्यिक संस्था 'अगासदिया 'ने उनके जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया.  इस अवसर पर डॉ. परदेशी राम वर्मा द्वारा सम्पादित साहित्यिक पत्रिकाÓअगासदियाÓ के 103 वें अंक का विमोचन भी हुआ. यह  अंक स्वर्गीय कोदूराम वर्मा पर केंद्रित विशेषांक के रूप में प्रकाशित किया गया है.इसी गाँव भिंभौरी में एक अप्रेल 1925 को उनका जन्म हुआ था. वे छत्तीसगढ़ी नाचा, कर्मा नृत्य और भजन गायन वादन के भी अच्छे कलाकार थे.उनका निधन 18 सितम्बर 2015 को हुआ। भिंभौरी में कल आयोजित उनके जन्म शताब्दी समारोह  की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्मश्री सम्मानित उषा बारले ने कहा कि छुटपन से हमने पिता समान स्नेह पाया था दाऊ कोदूराम वर्मा जी से। वे हमें सदा प्रोत्साहित करते थे। वे मध्यप्रदेश के आदिवासी कला परिषद के भी सदस्य थे।इस अवसर पर  उषा बारले ने मंगल भजन तथा पंडवानी सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।    कार्यक्रम के अध्यक्ष छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष, (आई. ए. एस.)बी.एल.ठाकुर तथा विशेष अतिथि अखिल भारतीय हलबा समाज और छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जन -जाति आयोग  के पूर्व अध्यक्ष जी. आर. राना थे।  बी.एल. ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मंचीय कला विधाएं इसकी पहचान हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा देश - विदेश तक हमारे  मंचीय कलाकारों के दम पर ही पहुँची है. हमें अपनी संस्कृति के लिए काम करने वाले कोदूराम वर्मा जैसे महान कलाकारों को सदा याद रखना चाहिए। यह काम साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा करते हैं। हम सब उनके इस अभियान में  साथ रहते हैं।
    विशेष अतिथि जी. आर. राना ने कहा कि कोदूराम जी शब्दभेदी बाण चलाने वाले विख्यात संत और कलाकार थे।  वे समृद्ध किसान थे। करमा नृत्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित थे। आयोजन में डॉ. अशोक आकाश, बद्रीप्रसाद पारकर, मुनीलाल निषाद,Óशिक्षा विद स्मिता वर्मा और कोदूराम वर्मा  अगासदिया सम्मानÓ  प्राप्त महंत अंतराम साहू  मंच पर उपस्थित थे।
    सालिकराम वर्मा ने कहा कि हम अपने पिता की विरासत को सम्हालने वाले कलाकारों के ऋणी हैं जो आज भी उन्हें याद करने आते हैं। कार्यक्रम के संयोजक और 'अगास दियाÓ संस्था के अध्यक्ष साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि कोदूराम वर्मा जी हमारे पथ प्रदर्शक थे। वे साक्षरता अभियान के भी प्रमुख कलाकार रहे. वे संत स्वभाव के समर्पित कलाकार थे।
     इस मौके पर बदना शिवधाम भिंभौरी में रंगारंग मंचीय कार्यक्रम हुआ। बुधारूराम साहू एवं सहयोगी दल ने खंजरी पर कायाखंडी गीत सुनाया। हरि मानस परिवार ने बिंदिया साहू उरला के साथ गायन प्रस्तुत किया। बूढ़ादेव कर्मा दल सिलघट ने कर्मा नृत्य प्रस्तुत किया। राजेन्द्र साहू ने कोदूराम वर्मा द्वारा गाए गए प्रसिध्द गीतों को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अतिथियों को विशेष समृति चिन्ह और उपहार देकर सम्मानित किया गया।कोदूराम वर्मा  जन्म शताब्दी समारोह का संचालन दूरदर्शन के एंकर  कलाकार महेश वर्मा ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्र गाँवों के कलाकार और  समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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