(भोपाल)Óसंविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ पदयात्राÓ को रोकने पर भड़के दिग्विजय सिंह
- 02-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल 2 अक्टूबर (आरएनएस)। विदिशा से भोपाल आ रही संविधान बचाओ -लोकतंत्र बचाओ यात्रा को राजधानी पहुंचने से पहले ही पुलिस ने लांबाखेड़ा में रोक दिया। इसकी सूचना पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिली तो वे आंदोलनकारियों से मिलने लांबाखेड़ा पहुंच गए और पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि इन्हें भोपाल जाने से रोका गया, तो वो यहीं धरना देंगे। दिग्विजय सिंह की चेतावनी के बाद पुलिसकर्मियों ने यात्रा को आगे बढा दिया। आगे जाने दिया। जिसके बाद खुद दिग्विजय सिंह यात्रा के साथ करीब 8 किलोमीटर तक पैदल चले।कांग्रेस की ये यात्रा 21 सितंबर को विदिशा जिले के लटेरी तहसील के काठपुरा गांव से निकली थी। इसका समापन भोपाल के अंबेडकर मैदान पर एक सभा के रूप में होना था। सोमवार सुबह करीब 9 बजे जैसे ही यात्रा लांबाखेड़ा पहुंची, पुलिस ने यात्रा को आगे बढऩे से रोक दिया।दिग्विजय सिंह को इस यात्रा में रोशनपुरा चौराहे पर शामिल होना था। जब उन्हें यात्रा रोकने की जानकारी मिली तो वे लांबा खेड़ा पहुंच गए। यहां पुलिस से बातचीत के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरा नियम है, मैं पूजा किए बिना अनाज नहीं खाता। यात्रा रोके जाने का पता चला तो बिना भोजन किए आया हूं, फिर भी आपके साथ पैदल चलूंगा।Ó इसके बाद दिग्विजय सिंह लांबाखेड़ा से भोपाल तक करीब साढ़े आठ किमी पैदल चले।दिग्विजय सिंह ने कहा- आज महात्मा गांधी का जन्मदिन है। बापू अहिंसा के पुजारी थे। 12 दिनों से सुनील आदिवासी 400 किलोमीटर पैदल चला तो किसी से झगड़ा नहीं किया। शांति मार्च किया। 2 अक्टूबर को यहां आने का मकसद यह था कि हम अनुसूचित जाति, जनजाति के अधिकारों की सुरक्षा के लिए शांतिपूर्ण ढंग से पैदल मार्च करेंगे।दिग्विजय ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की जमीनें छीनी जा रही है। आदिवासियों पर पेशाब किया जा रहा है। ये भाजपा की सरकार और ये जो मामा कहता है कि मैं तुम्हारा हूं। मैं कहता हूं कि तुम किसी के नहीं हो, तुम केवल नकद रुपए के हो। तुम किसी के सगे नहीं हो। मैं उन पर आरोप लगा रहा हूं। अगर उनमें हिम्मत होती तो मेरे ऊपर मामा मानहानि का दावा करते। मेरे पास भ्रष्टाचार के प्रमाण हैं।दिग्विजय सिंह ने कहा- महापुरुषों ने आजादी दिलाई, लोकतंत्र दिया। जिसे अब ये लोग बेच रहे हैं। सरकार को गिराने में करोड़ों रुपए किसके लगे थे? कहते हैं काला बाजार, काला पैसा। विधायकों को क्या चेक से पेमेंट किया था? क्या विधायकों को चेक से पेमेंट किया था? नोटों की गड्डियों से पेमेंट किया था। पता नहीं नोट की गड्?डी नकली थी या सही थी। मुझे नहीं मालूम लेकिन ये लोग ये काम भी कर सकते हैं क्योंकि इन्होंने नोटबंदी के दौरान यही काम किया था।
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