(भोपाल)आपातकाल लगाना एक ऐतिहासिक गलती थी, इसे याद रखें युवा-डॉ. मोहन यादव

  • 27-Jun-25 12:00 AM

भोपाल 27 जून (आरएनएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा, युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रोहित चहल एवं युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने शुक्रवार को नगर निगम सभागार, आईएसबीटी में युवा संसद कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष अपने पापों को छिपाने के लिए सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाता है, जबकि अटलजी से लेकर नरेंद्र मोदी जी तक भाजपा की सरकारों ने लोकतंत्र को पुष्ट करने का काम किया है। देश में लोकतंत्र है, इसीलिए एक चाय वाला प्रधानमंत्री और गाय वाला मुख्यमंत्री बन सकता है। इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाना एक ऐतिहासिक गलती थी, आज के युवा इसे याद रखें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को अपमानित किया था, तो आज की कांग्रेस पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी संविधान लिखी नकली किताबें लहराकर देश को धोखा दे रहे हैं। देश के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवाद है और यह तभी खत्म होगा जब साधारण घरों एवं परिवारों से ईमानदार और देशभक्त युवा राजनीति में आगे आएंगे। युवा संसद को युवा मोर्चे के प्रदेश प्रभारी रोहित चहल एवं प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गलत तरीके से चुनाव जीता था। उस चुनाव में राज नारायण हार गए थे और उन्होंने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की। तीन साल तक सुनवाई चली और राजनारायण जी ने हाईकोई में ये सिद्ध किया कि इंदिरा गांधी ने गलत तरीके से और शासन-प्रशासन का दुरूपयोग कर चुनाव जीता है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जो शिकायत की गई है, वह सही है और इंदिरा गांधी का निर्वाचन अवैध है। बाबा साहब अंबेडकर जी ने संविधान बनाते समय कहा था कि संविधान में सब कुछ है, बस इसका पालन करना जरूरी है। अगर संविधान का लागू करने वाले ही करप्ट हो जाएंगे तो फिर देश का लोकतंत्र कहां जायेगा? 12 जून को तो हाईकोर्ट का फैसला आया और 25 जून तक पूरे देश में आंदोलन होने लगे। हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने में कितनी देर लगानी चाहिए? लेकिन इंदिरा गांधी ने न्यायलय का आदेश को न मानते हुए पूरे देश में अपातकाल लगा दिया। हमारे देश में संघीय शासन व्यवस्था है और अगर दो तिहाई राज्य सरकारें प्रस्ताव भेजती हैं, तभी इमरजेंसी लगाई जा सकती है। लेकिन किसी भी राज्य सरकार ने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा। कैबिनेट की बैठक भी नहीं बुलाई। बस, राष्ट्रपति से हस्ताक्षर करा कर देश पर आपातकाल थोपा दिया था। इस तरह इंदिरा गांधी और कांग्रेस ने संविधान की हत्या करने का पाप किया था।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अपने निज स्वार्थों के लिए संविधान में कई संशोधन किए तथा अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय दिया। 1975 से देश में एक परिवार ने लोकतंत्र को ताक पर रखकर अपने आपको देश से ऊपर रखने की परंपरा प्रारंभ की, जो लगातार चल रही है। इंदिरा गांधी के बाद उनके बेटे राजीव गांधी ने तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कानून बनाकर दरकिनार कर दिया। अब राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी कैबिनेट के प्रस्ताव को फाड़कर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मुंह पर मारने का काम करते हैं। डॉ. यादव ने कहा कि एक हजार साल की गुलामी के बाद 1947 में हमें आजादी मिली थी, लेकिन कांग्रेस ने आजादी के बाद आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया। कांग्रेस पार्टी जब-जब चुनाव हारती है, या विपक्ष की भूमिका में होती है, तो वह कहने लगती है कि संविधान खतरे में हैं। कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्व हुए हैं। उनके अनेक नेता जमानत पर हैं। अपने पापों से ध्यान हटाने और मोदी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिये ये कह रहे हैं कि देश में तानाशाही आ गई है। अगर ये चुनाव जीत जाएं तो अच्छा है और चुनाव हार जाएं तो ईवीएम खराब हो जाती है। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लोकतंत्र, संविधान के साथ-साथ देश भी सुरक्षित है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। आज हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, सेनाएं अधिकार संपन्न हैं और देश दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज भारत की सैन्य शक्ति दुनिया में चौथे स्थान पर है। आज भारत चंद्रयान के द्वारा चांद पर पहुंच गया है। लेकिन हमारी यह यात्रा उन हजारों लाखों लोगों के संघर्षों, बलिदानों से होकर गुजरी है, जिन्होंने आपातकाल के दौरान अपार कष्ट और प्रताडऩा सही है। उन लोगों इस संघर्ष के बारे में आज की युवा पीढ़ी को होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ÓÓतुम युवा हो, काल को भी काल से दिखते रहे हो, देश का सौभाग्य अपने खून से लिखते रहे हो, ठान लोगे तुम अगर इस देश को नई तस्वीर दोगे, गर्जना से तुम शत्रुओं के कलेजे चीर दोगेÓÓ। शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी को ज्ञात होना चाहिए कि आपातकाल सिर्फ इसलिए लगाया गया था क्योंकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था। न्यायालय ने कहा था कि इस चुनाव को जीतने के लिए अनुचित तरीकों का इस्तेमाल और पद का दुरुपयोग किया गया है। कांग्रेस और इंदिरा गांधी को हाथ से देश की सत्ता जाते हुए दिखी, इसलिए 25 जून 1975 को देश पर आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंट दिया गया। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। आपातकाल लगाने का उद्देश्य नेहरू-गांधी परिवार का सत्ता पर वर्चस्व बनाए रखने की लालसा में संविधान को रौंदने का कुत्सित प्रयास था। लेकिन आज उन्हीं इंदिरा गांधी के परिवार के लोग संविधान हाथ में लेकर उसकी दुहाई दे रहे हैं। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी और संजय गांधी ने जिस तरह से न्यायालय और संविधान का अपमान किया आज भी उस परिवार के लोग वही कर रहे हैं। इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को कुचला, तो राहुल गांधी देश की संसद द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रतियां सार्वजनिक रूप से फाड़ते हैं।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आपातकाल के दौरान करीब सवा लाख लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया। नागरिक स्वतंत्रता का दमन किया गया। जिस कलम ने आपातकाल के खिलाफ लिखने की कोशिश की, उसे तोड़ दिया गया। लेकिन देश के युवाओं ने जेपी आंदोलन के माध्यम से इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी को करारा जवाब दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देश की राजनीति से भ्रष्टाचार और परिवारवाद को समाप्त करने का कार्य कर रहे हैं। एक समय पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि हम दिल्ली से एक रुपया भेजते हैं, तो गरीब तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं। 85 पैसे दलाल और बिचौलिये खा जाते हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए 54 करोड़ लोगों के बैंक में खाते खुलवाए। आज डीबीटी के माध्यम से पूरा एक रुपया गरीब तक पहुंचता है। तकनीकी क्षेत्र में नेतृत्व कर रहे देश के युवाओं के बल पर भारत डिजिटल ट्रांजेक्शन में नंबर वन बन सका है। शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, डॉ. कलाम की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी देश को महान बनाने के लिए युवाशक्ति का आह्वान कर रहे हैं। इसलिए जो युवा समाज में जिस भूमिका में है, वह राष्ट्र के प्रति अपनी सोच रखे। विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में देश के युवा अपना योगदान दें। शर्मा ने कहा कि देश के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवाद है और यह तभी खत्म होगा जब साधारण घरों एवं परिवारों से ईमानदार और देशभक्त युवा राजनीति में आगे आएंगे।युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी रोहित चहल ने कहा कि कांग्रेस ने आज से 50 साल पूर्व आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र के माथे पर कलंक लगाने का काम किया था। इंदिरा गांधी और कांग्रेस पार्टी ने अपने निज स्वार्थों के लिए संविधान में कई संशोधन किए। कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार राजशाही में राज करना चाह रहे थे, इसलिए भी देश में आपातकाल लगाया गया, ताकि कांग्रेस का नेहरू-गांधी परिवार देश पर राज करता रहे। आपातकाल में संविधान को निलंबित कर उन सबको जेल में डाल दिया गया था, जो संविधान को बचाने के लिए, देश के लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए कार्य कर रहे थे। पत्रकारों को भी जेल में डाला गया था, जो आपातकाल को लेकर कांग्रेस की सच्चाई जनता के सामने लाना चाहते थे। यह घटना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटनाओं में से एक है। यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सबसे बड़ा हमला था। युवा मोर्चा के सभी कार्यकर्ताओं को आपातकाल के इस काले सच को कॉलेज, यूनिवर्सिटी में जाकर बताने की आवश्यकता है।भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार ने कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। देश की आजादी के बाद सत्ता में रही कांग्रेस ने बार-बार संविधान का गला घोंटा। कांग्रेस ने देष में आपातकाल लगाकर संविधान, मौलिक अधिकारों और स्वतंत्र पत्रकारिता तक को कुचल दिया था। कांग्रेस और इंदिरा गांधी को हाथ से देश की सत्ता जाते हुए दिखी, इसलिए देश में आपातकाल लगा दिया गया। नेहरू-गांधी परिवार जनसमर्थन से नहीं, बल्कि झूठ, छल, कपट और बेईमानी से सत्ता में बने रहना चाहता था। कांग्रेस और कांग्रेस नेतृत्व लोकतंत्र के लिए खतरा है, इसलिए हमने देश को बचाने का संकल्प लिया है। आपातकाल के दौरान कितने ही लोगों का जीवन समाप्त कर दिया गया और कितने ही परिवारों की खुशियां छीन ली गईं। हमें आपातकाल की काली सच्चाई को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।इस दौरान मंच पर महापौर मालती राय, जिला अध्यक्ष रविन्द्र यति एवं नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी मंचासीन रहे।




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