(भोपाल)उद्योग जगत की आवश्यकता अनुरूप, युवाओं के कौशल को निखारने का माध्यम है रिश्ता -मंत्री परमार
- 24-Aug-25 12:00 AM
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भोपाल 24 अगस्त (आरएनएस)।उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि रिश्ता योजना न केवल युवाओं के कौशल को निखारने का माध्यम है, बल्कि प्रदेश एवं देश की अवसंरचना विकास यात्रा में उनके योगदान को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। यह योजना, इंडस्ट्री रेडी दक्ष एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करेगी।मंत्री परमार ने रविवार को शुजालपुर स्थित मां शारदा सांदीपनि विद्यालय में, युवाओं को रोजग़ारोन्मुखी कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ किए गए रिश्ता योजना के पोस्टर का विमोचन किया।योजना का उद्देश्य : युवाओं को रोजगारपरक और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करनारिश्ता योजना का पूरा नाम, रिक्रूटिंग इंडस्ट्रीज सपोर्टिंग हॉलिस्टिक ट्रेनिंग विथ एलाइनमेंट है। यह योजना, युवाओं को रोजग़ारोन्मुखी कौशल (स्द्मद्बद्यद्य ष्ठद्ग1द्गद्यशश्चद्वद्गठ्ठह्ल) देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। रिश्ता योजना, एक उद्योग-आधारित कौशल विकास योजना है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगारपरक और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसका मुख्य लक्ष्य उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षित कर, उन्हें हाईवे कंस्ट्रक्शन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अवसर दिलाना है।यह योजना एसजीएसआईटीएस, इंदौर और के संयुक्त सहयोग से संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए सर्वेइंग एवं , क्वॉलिटी एश्योरेंस/क्वॉलिटी कंट्रोल (क्तह्वड्डद्यद्बह्ल4 ्रह्यह्यह्वह्म्ड्डठ्ठष्द्ग/क्तह्वड्डद्यद्बह्ल4 ष्टशठ्ठह्लह्म्शद्य) (क्त्र/क्तष्ट) जैसे पाठ्यक्रम और मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए कंस्ट्रक्शन मैकेनिकल स्किल्स (ष्टशठ्ठह्यह्लह्म्ह्वष्ह्लद्बशठ्ठ रूद्गष्द्धड्डठ्ठद्बष्ड्डद्य स्द्मद्बद्यद्यह्य) पर केंद्रित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक पाठ्यक्रम की अवधि 225 घंटे (75 दिन) होगी और कक्षाएँ शाम के समय आयोजित की जाएँगी, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इसमें सम्मिलित हो सकें। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्हें उद्योग में इंटर्नशिप, प्रायोगिक अनुभव और 50त्न से अधिक प्लेसमेंट सहायता भी उपलब्ध होगी।रिश्ता योजना की मुख्य बातें, लाभ एवं प्रभाव -रिश्ता योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को तकनीकी, व्यावसायिक और उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को उद्योगों, स्टार्टअप्स और सरकारी योजनाओं से जोडऩे की व्यवस्था रहती है। विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल लैब्स के अवसर मिलते हैं ताकि वे केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सकें। योजना में विशेष ध्यान ग्रामीण एवं वंचित वर्गों पर भी दिया गया है ताकि उन्हें भी समान अवसर मिल सकें।।इस योजना में विद्यार्थियों एवं युवाओं को, नि:शुल्क या कम शुल्क पर प्रशिक्षण, प्रमाणपत्र और रोजगार के अवसर मिलते हैं। शैक्षणिक संस्थानों का, उद्योगों से जुड़ाव बढ़ता है और विद्यार्थियों की प्लेसमेंट दर सुधरती है। उद्योग जगत को, प्रशिक्षित एवं दक्ष मानव संसाधन मिलता है। बेरोजग़ारी घटती है और आर्थिक प्रगति होती है, इससे समाज एवं देश को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है। रिश्ता योजना का लाभ मुख्य रूप से युवाओं को है, लेकिन इसका सकारात्मक प्रभाव उद्योग, शिक्षा संस्थान और पूरे समाज पर पड़ता है। इस अवसर पर एसजीएसआईटीएस इंदौर के निदेशक डॉ. नितेश पुरोहित, आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर डॉ. संतोष विश्वकर्मा, होलकर साइंस कॉलेज इंदौर के एचओडी डॉ प्रदीप शर्मा, जवाहरलाल नेहरू स्मृति शासकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय शुजालपुर के प्राचार्य डॉ. राजेश शर्मा, माँ शारदा सांदीपनि विद्यालय शुजालपुर के प्राचार्य डॉ. रजनीश त्रिवेदी एवं डॉ. शिवपाल मेवाड़ा सहित विभिन्न प्रशिक्षक, शिक्षकगण, विद्यार्थी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।
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