(भोपाल)एनएसयूआई का क्कहृस्ञ्ज छात्राओं की मांगों को लेकर प्रदर्शन, हृस्ढ्ढ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया

  • 30-Jul-25 12:00 AM

तेज बारिश में हृस्ढ्ढ ने नर्सिंग छात्राओं के साथ किया प्रदर्शन पुलिस ने पदाधिकारियों को हिरासत में लिया*प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट-2022 का रिजल्ट जारी होने के बावजूद प्रवेश नहीं, हृस्ढ्ढ ने किया प्रदर्शन*भोपाल 30 जुलाई (आरएनएस)। मध्यप्रदेश की नर्सिंग छात्राओं ने अपने प्रवेश और भविष्य को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (हृस्ढ्ढ) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार और जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर के नेतृत्व में प्रदर्शन किया । पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहें एनएसयूआईं पदाधिकारियों और छात्राओं को विधानसभा जाने से रोक तो उन्होंने तेज बारिश में बीच सड़क पर बेठ कर प्रदर्शन किया पुलिस ने एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर अभय रामभक्त सचिन भदौरिया सहित कई पदाधिकारियों को हिरासत में लिया । एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि स मध्यप्रदेश की 60 हजार छात्राओं के हक की लड़ाई हैं हम निरंतर लड़ रहे सरकार पुलिस के दम पर आवाज दबाने का प्रयास कर रहीं हैं लेकिन हम छात्राओं की आवाज दबने नहीं देंगे हम लड़ाई निरंतर जारी रखेंगे । परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (व्यापम / श्वस्क्च) द्वारा प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (क्कहृस्ञ्ज)-2022 की परीक्षा जून 2023 में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के परिणाम पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी, लेकिन 27 मार्च 2025 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया।जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि आज दिनांक तक प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, जिसके चलते शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सत्र 2022-23 की सभी सीटें खाली पड़ी हैं। इन सीटों पर प्रवेश के लिए छात्राएं हाईकोर्ट से लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन न्याय न मिला उनकी इस लड़ाई में एनएसयूआई पूरी मजबूती से साथ खड़ी हैं।प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि प्रदेश की लगभग 60 हजार से ज्यादा छात्राओं ने क्कहृस्ञ्ज-2022 (क्कह्म्द्ग हृह्वह्म्ह्यद्बठ्ठद्द स्द्गद्यद्गष्ह्लद्बशठ्ठ ञ्जद्गह्यह्ल) की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा के परिणाम पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके कारण लगभग दो वर्ष तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया बाद में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि परीक्षा का परिणाम जारी किया जाए। हालांकि यह रिजल्ट छात्राओं की संतुष्टि के लिए औपचारिक रूप से जारी किया गया है लेकिन इससे हमें न्याय नहीं मिला अब हम निरंतर लड़ाई लड़ेंगे ।




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