(भोपाल)एमडी ड्रग के साथ चाचा-भतीजा गिरफ्तार

  • 23-Jul-25 12:00 AM

भोपाल 23 जुलाई (आरएनएस)। शाहवर उर्फ मछली और उसके भतीजे यासीन को क्राइम ब्रांच ने गैमन मॉल के पास से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। तलाशी में उनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग, एक देसी पिस्टल और युवतियों के साथ आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं।यासीन के मोबाइल में ऐसे वीडियो भी मिले हैं, जिनमें वह युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहा है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट, आम्र्स एक्ट और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि बीते शुक्रवार देर रात गोविंदपुरा क्षेत्र के सब्जी मंडी टीनशेड के पास दो संदिग्ध युवक स्कूटी के साथ खड़े थे और मोबाइल पर एमडी ड्रग की सप्लाई को लेकर बात कर रहे थे।पुलिस ने घेराबंदी कर सैफुद्दीन पिता रफीकुद्दीन (28) और आशु उर्फ शाहरुख पिता नजमुल हसन (28) को गिरफ्तार किया।तलाशी के दौरान उनकी पैंट की जेब से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर मिला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग तीन लाख रुपए आंकी गई है।पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने यह ड्रग शाहवर मछली और यासीन से खरीदी थी। दोनों आरोपी लंबे समय से ड्रग तस्करी के नेटवर्क का हिस्सा हैं और उनके तार मुंबई तक फैले हैं।सूचना पर क्राइम ब्रांच ने गैमन मॉल के पास एक होटल में दबिश देकर चाचा-भतीजे को गिरफ्तार किया। तलाशी में इनके पास से तीन ग्राम एमडी ड्रग और एक देसी पिस्टल बरामद की गई।यासीन की स्कॉर्पियो कार पर विधानसभा का पास और प्रेसÓ लिखा स्टिकर चिपका मिला, जिसे वह प्रभावशाली छवि दिखाकर लोगों को डराने में इस्तेमाल करता था। वहीं साथी आरोपियों के कब्जे से एमपी04-जेडएस-3785 नंबर की स्कूटी भी जब्त की गई है, जिसका उपयोग ड्रग सप्लाई में होता था।यासीन के मोबाइल की जांच में कई अश्लील वीडियो मिले हैं। कुछ वीडियो में वह खुद युवतियों के साथ आपत्तिजनक हरकतें करते दिख रहा है, जबकि कई अन्य में युवकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा जा रहा है।क्राइम ब्रांच ने ऐसे सभी पीडि़तों से सामने आकर शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि पीडि़तों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि कुछ युवतियों को पहले नशे की लत लगाई गई, फिर उन्हें ही ड्रग्स सप्लाई के काम में लगाया गया। युवतियों के माध्यम से ड्रग्स की डिलीवरी करवाई जाती थी ताकि पुलिस की नजरों से बचा जा सके।पुलिस को संदेह है कि गिरोह का नेटवर्क सिर्फ भोपाल तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य शहरों और संभवत: अंतरराज्यीय गिरोहों से भी जुड़ा है।




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