(भोपाल)एमपी की 32 जातियों को केंद्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने की जनसुनवाई

  • 04-Jul-25 12:00 AM

भोपाल 4 जुलाई (आरएनएस)। मध्यप्रदेश की पिछड़ी जातियों को केन्द्र की सूची में शामिल करने को लेकर आज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भोपाल में सुनवाई की। इस दौरान प्रदेश में पिछड़ा वर्ग में शामिल 32 जातियों के प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपनी जातियों का इतिहास बताकर राष्ट्रीय सूची में शामिल करने को कहा। इनका कहना था कि राष्ट्रीय सूची में नाम शामिल नहीं होने से उनकी जाति के लोगों को राष्ट्रीय स्तर के आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता है।राजधानी के वीआईपी स्टेट गेस्ट हाउस लालघाटी के सभागार में हुई सुनवाई में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर, सदस्य भुवन भूषण कमल के अलावा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया एवं सदस्य सीताराम यादव भी शामिल हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग विभाग के अधिकारी भी सुनवाई में शामिल होकर आयोग के निर्देशों पर अमल के लिए तैयारी कर रहे हैं।राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव देवेश मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली द्वारा मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की 32 जातियों को लेकर यह सुनवाई की जा रही है। इस जाति के लोग खुद को केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सूची में शामिल कराना चाहते हैं। सचिव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मिश्रा ने बताया कि वर्तमान स्थिति में केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की केन्द्रीय सूची में मध्यप्रदेश राज्य के लिए 68 जातियां सम्मिलित हैं जबकि मध्यप्रदेश शासन की सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़ी जाति की सूची में 94 जाति/, उपजाति, वर्ग समूह सम्मिलित हैं। योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से इन 32 जाति, उपजाति, वर्ग समूह के सामाजिक, शैक्षणिक एवं सेवा में पिछड़ेपन के आंकड़े एकत्रित करने के लिए सर्वे कार्य कराया गया है। फील्ड सर्वे के उपरांत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा इन जातियों के आकड़े शासन को प्रस्तुत किए गये है।इन जातियों ने की केंद्रीय सूची में शामिल होने की मांग-पिछड़ा वर्ग की जिन जातियों के प्रतिनिधियों ने अपनी जाति को केंद्रीय सूची में शामिल करने की मांग रखी है उसमें दवेज, भोपा मनभाव, दमामी, हरिदास, कोहरी, फूलमाली (फूलमारी), कलार, जायसवाल, डउसेना, लोढ़ा (तंवर), गोलान, गौलान, गवलान, जादम, कुडमी, रूआला- रूहेला, अब्बासी के साथ सक्का, घोषी गवली और गोली शामिल हैं। इनके अतिरिक्त लिंगायत, महाकुल (राउत), थारवार, जमना लोधी, मनधाव डूकर, कोल्हाटी, घड़वा, झारिया, वोवरिया, मोवार, रजवार, सुत सारथी, तेलंगा, तिलंगा, गयार- परधनिया, बया महरा- कौशल, वया थोरिया, खरादी, कमलीगर, संतराम, शेख मेहतर को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने को लेकर जनसुनवाई की जा रही है।




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