(भोपाल)कमिश्नर ऑफिस में आग लगने से हड़कंप
- 11-Sep-25 12:00 AM
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भोपाल 11 सितंबर (आरएनएस)। कमिश्नर ऑफिस में गुरुवार दोपहर अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। कर्मचारी हाथों में पानी की बाल्टियां लेकर दौड़े और आग बुझाई। आगजनी के दौरान कमिश्नर संजीव सिंह भी ऑफिस में मौजूद थे। आग लगने से ऑफिस की बिजली करीब डेढ़ घंटे गुल रही। कोहेफिजा पुलिस बुजुर्ग को साथ ले गई है, उनसे पूछताछ की जा रही है।घटना दोपहर 1 बजे की बताई जा रही है। एक बुजुर्ग जमीन से जुड़े एक मामले की फरियाद लेकर कमिश्नर ऑफिस पहुंचे थे। इस दौरान उनकी बात को किसी ने नहीं सुना तो झुंझलाहट में आकर उन्होंने हाथ में रखा लट्?ठ (डंडा) इलेक्ट्रिक बोर्ड में दे मारा। जिससे बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट हो गया और चिंगारी निकलने लगीं। इससे आगंतुकों के बैठने के लिए लगे सोफे ने आग पकड़ लगी। कुछ ही देर में सोफे जलकर खाक गए।जानकारी के अनुसार, गुरुवार को विदिशा जिले के गंजबासौदा से एक बुजुर्ग कमिश्नर संजीव सिंह से मिलने ऑफिस में आए थे। उनका तीसरा नंबर था। इसी दौरान बुजुर्ग पहले जाने की जिद करने लगे, लेकिन एक और दो नंबर वाले आवेदक पहले से खड़े थे। इसलिए बुजुर्ग को पहले मिलने नहीं दिया गया तो उन्होंने गुस्से में बिजली के बॉक्स में डंडा मारा। इसके बाद अफसर ने चैंबर में बैठकर फरियाद सुनी। बुजुर्ग मानसिक बीमार भी बताया जा रहा है।इधर, आग लगने के बाद कमिश्नर ऑफिस खाली हो गया और अधिकारी-कर्मचारी बाहर निकल गए। इसी बिल्डिंग में कमिश्नर, जनसंपर्क का संभागीय और जिला स्तरीय ऑफिस, कृषि विभाग का संभाग ऑफिस, हुजूर एसीएम और तहसील ऑफिस भी हैं। इस कारण ऑफिस से कर्मचारी बाहर आ गए। आग बुझने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।शॉर्ट सर्किट से लगी आग को बुझाने के लिए कर्मचारी दौड़ पड़े। पास में ही पानी से भरी बाल्टियां लेकर वे दौड़े और आग को बुझाने लगे। इधर, नगर निगम की दमकल भी मौके पर पहुंची। इसके बाद आग पर काबू पा लिया गया।हुजूर एसडीएम विनोद सोनकिया ने बताया कि सुनवाई न करने जैसी बात नहीं है। बुजुर्ग का तीसरा नंबर था, एक आवेदक कमिश्नर के चैंबर में था, जबकि दूसरा जाने वाला था। तभी बुजुर्ग नाराज हो गए। इस संबंध में विदिशा एसडीएम से संपर्क कर रहे हैं कि बुजुर्ग की समस्या क्या है और उन्हें यहां तक क्यों आना पड़ा।एसआई एसके द्विवेदी ने बताया कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। संबंधित व्यक्ति की जमीन गंजबासौदा के एक गांव में थी, जिस पर उसका पट्टा भी था। कुछ समय पहले सरकार ने इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। इसी बात से नाराज होकर उसने यह वारदात की है।
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