(भोपाल)कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त हुए डॉ. पंकज शुक्ला

  • 17-Jun-25 12:00 AM

भोपाल 17 जून (आरएनएस)। ग्रामीण नवाचार, सामाजिक विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में दो दशक से अधिक सक्रिय योगदान देने वाले डॉ. पंकज शुक्ला को कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया (्य्रढ्ढ) का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल खेल-जगत के लिए, बल्कि ग्रामीण भारत में खेल संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत कार्यरत प्रमुख संस्था है, जो खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट और ओलंपिक मिशन जैसी पहलों से जुड़कर देशभर में कराटे को बढ़ावा दे रही है। संस्था न केवल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतियोगिताएं आयोजित करती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स के लिए भारतीय प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करती है।नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. पंकज शुक्ला ने कहा, कराटे सिफऱ् एक खेल नहीं, बल्कि एक जीवन-शैली है। यह युवाओं में आत्मबल, अनुशासन और नेतृत्व का भाव पैदा करता है। मेरा लक्ष्य है कि कराटे को हर गांव, हर स्कूल और हर युवा तक पहुंचाया जाए, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे विजऩ को जमीनी स्तर पर उतारा जा सके। डॉ. शुक्ला लंबे समय से महिला सशक्तिकरण के लिए श्रृंगार बने हथियार अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत उन्होंने सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं और छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाया है। यह पहल विशेष रूप से उन क्षेत्रों में प्रभावशाली रही है जहां महिलाओं को सुरक्षा और आत्मविश्वास की सबसे अधिक ज़रूरत थी।्य्रढ्ढ के वरिष्ठ पदाधिकारियों का मानना है कि डॉ. शुक्ला की नियुक्ति कराटे को एक राष्ट्रीय जनांदोलन में बदलने की क्षमता रखती है। उनके नेतृत्व में ग्रामीण भारत में खेलों के लिए आवश्यक संरचनाएं विकसित होंगी और अनदेखी प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का रास्ता खुलेगा।डॉ. पंकज शुक्ला, ग्राम्या और आसरे जैसी संस्थाओं के संस्थापक हैं और समृद्ध ग्राम, समृद्ध भारत अभियान के सूत्रधार के रूप में जाने जाते हैं। कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया में उनकी यह नियुक्ति न केवल खेल जगत, बल्कि ग्रामीण विकास, महिला सुरक्षा और युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है।




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