(भोपाल)कांग्रेस के साथ गठबंधन से जयस ने किया किनारा: कांग्रेस ने कहा- दोनों पार्टी विचारधारा में एक, बीजेपी बोली- बातचीत तो चल रही, लेकिन डील फाइनल नहीं हो रही है
- 11-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल 11 अक्टूबर (आरएनएस)। मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल सक्रिय हो गए हैं। बड़ी पार्टियां गठबंधन के लिए क्षेत्रीय और अन्य दलों से लगातार बातचीत कर रही है। इसी बीच कांग्रेस और जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के बीच गठबंधन पर विराम लगा दिया है। जयस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से किनारा किया है।बता दें कि अब तक पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा भी नहीं की है और सोशल मीडिया पर वायरल उम्मीदवारों के नामों को अफवाह बताया जा रहा है। जयस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल (ङ्ग) के जरिये जानकारी देते हुए लिखा – "जयस ने अभी कोई भी उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा नहीं की है। सोशल मीडिया पर सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है। जयस के उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर अगामी 15 अक्टूबर को प्रदेश चुनाव अभियान समिति की बैठक भोपाल मे रखी गई है जिसमें समिति उम्मीदवारों के संबंध मे औपचारिक एलान किया जाएगा।"जयस और कांग्रेस विचारधारा में एकजयस के इस निर्णय के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने गठबंधन मामले पर कहा – संविधान यह अधिकार देता है कि कोई भी संगठन कितनी भी सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। जयस आदिवासी के अधिकारों और सुरक्षा की बात करता हैं। लिहाजा जयस संगठन और कांग्रेस विचारधारा में एक हैं। प्रदेश में आदिवासियों को चप्पलों से पीटा जा रहा है। अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। कांग्रेस और जयस दोनों ही आदिवासियों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें अधिकार प्राप्त है कि अगर वे प्रत्याशी घोषित करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। रही बात गठबंधन की तो कितनी सीटों पर कौन लड़ेगा या गठबंधन होगा या नहीं यह केंद्रीय नेतृत्व का काम है। बाकी चुनाव में गठबंधन को लेकर क्या होगा यह भविष्य की बात है।बातचीत तो चल रही लेकिन डील फाइनल नहीं हो पा रहीबीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव ने दोनों पार्टियों के गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा – कांग्रेस की धड़कन दिन ब दिन बढ़ रही है। दूसरे दलों से डील करने की बातचीत तो चल रही है लेकिन डील फाइनल नहीं हो पा रही है। सियासी फायदे के लिए दोनों ही दल अब एक दूसरे को डरा रहे हैं। कांग्रेस हो या जयस भावनाओं से खेलने वाले दल हैं। डील करते हैं और धोखा देते हैं। यह जनता के साथ भी धोखा है। कभी सपा, कभी जयस, कभी आम आदमी पार्टी से डील की बातें करते हैं। प्रदेश में सियासी जमीन तलाश रही ये दल अपने उम्मीदवारों की सूची भी जारी नहीं कर पा रहे हैं।
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