(भोपाल)क्राइम ब्रांच ने अवैध हथियार फैक्ट्री पर मारा छापा

  • 01-Sep-25 12:00 AM

भोपाल 1 सितंबर (आरएनएस)।भोपाल क्राइम ब्रांच ने टीकमगढ़ के जतारा के रामगढ़ में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। इसे आनंदी विश्वकर्मा नाम का शख्स अपने दो बेटों और नाबालिग पोते के साथ मिलकर चला रहा था। फैक्ट्री दूरस्थ वेयरहाउस में थी। आरोपी मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में अवैध हथियार सप्लाई करते थे। इसके लिए सात एजेंट बना रखे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने फैक्ट्री से लेथ मशीन, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीनें, देसी पिस्टल और तीन अधूरी पिस्टल सहित कई कलपुर्जे जब्त किए हैं।क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि वाहन चोरी और अवैध हथियारों के कारोबार से जुड़े तीन आरोपियों को भोपाल के निशातपुरा से हिरासत में लिया था। इनके कब्जे से तीन वाहन बरामद किए गए, जिन्हें हनुमानगंज थाने के सुपुर्द किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्तार खान हथियारों की अवैध सप्लाई में शामिल है। उसे हिरासत में लेकर तलाशी ली गई, जिसमें एक पिस्टल बरामद हुई।मुख्तार खान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पिस्टल उसे सुरेंद्र विश्वकर्मा से मिली थी। सुरेंद्र ने टीकमगढ़ में अवैध हथियार फैक्ट्री लगा रखी थी। मुख्तार के बयानों के आधार पर जांच की गई तो पला चला कि सुरेंद्र और उसका परिवार वर्षों से अवैध हथियार बनाने का काम कर रहा है।सुरेंद्र का पिता आनंदी विश्वकर्मा लगभग 40 वर्षों से लेथ मशीन से ट्रॉली और कृषि उपकरण बनाने के साथ ही हथियार भी बनाता रहा। इसकी तकनीक उसने राजस्थान के फुलेरा में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से सीखी थी।आनंदी विश्वकर्मा ने अपने पूरे परिवार को अवैध गतिविधियों में शामिल किया। सुरेंद्र के जेल जाने के बाद भी परिवार ने हथियार बनाना जारी रखा। आनंदी का नाबालिग पोता और दूसरा बेटा धर्मेंद्र भी इस काम में लगे थे। क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से पहले सुरेंद्र और उसके नाबालिग बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब भी आनंदी और धर्मेंद्र ने काम बंद नहीं किया था।आनंदी और सुरेंद्र ने उन्नत मशीनों और उपकरणों के साथ फैक्ट्री स्थापित की थी। पहले कलपुर्जे बाहर से लाकर यहां असेंबल किए जाते थे। इसके बाद सभी कलपुर्जे स्थानीय स्तर पर बनाने लगे। इसके लिए विशेष मशीनें और उपकरण बड़े निवेश के साथ लगाए गए। ये फैक्ट्री टीकमगढ़ में आबादी से दूर एक वेयरहाउस में थी। सुरेंद्र ने अपने एक परिचित को पार्टनर बनाया और उसे 20 हजार रुपए प्रतिमाह किराया दिया। निर्माण का काम परिवार के सदस्य करते थे, जबकि ग्राहक से संपर्क और सप्लाई कुछ सहयोगियों के माध्यम से किया जाता था। ग्राहक थोक स्तर पर हथियार खरीदते थे।सुरेंद्र विश्वकर्मा पूर्व में लूट के प्रकरण में 7 वर्ष की सजा काट चुका है। जनवरी 2025 में जेल से रिहा होने के बाद उसने पुन: अवैध शस्त्र निर्माण शुरू किया। मामले में आरोपी मुख्तार खान, सुरेंद्र विश्वकर्मा, सैफ अली उर्फ रिंकू, मुमताज अली और आनंदी विश्वकर्मा शामिल हैं, जबकि फरार आरोपी नरेंद्र प्रताप सिंह परमार है। लेथ मशीनें, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिंग मशीन, ब्लेंडर मोटर, देसी पिस्टल, तीन अधूरी पिस्टल, बैरल, लोहे के फ्रेम, ट्रिगर, स्लाइडर, कारतूस, मैगजीन, बट की लकड़ी और अन्य कलपुर्जे जब्त किए गए हैं।




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