(भोपाल)खनिज संसाधनों की प्रचुरता, निवेश अनुकूल नीतियों और नवाचारों से प्रदेश बनेगा माइनिंग कैपिटल-मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- 20-Aug-25 12:00 AM
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भोपाल 20 अगस्त (आरएनएस)।मध्यप्रदेश खनिज नीलामी के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने 2022-23 में 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया। हाल ही में प्रदेश ने क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी कर केंद्र सरकार की नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव भी हासिल किया है।खनिज ब्लॉकों की सर्वाधिक नीलामी के लिए मध्यप्रदेश को भारत सरकार ने वर्ष 2022 और वर्ष 2025 में खनन मंत्रियों के सम्मेलन में प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनन और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभरा है। खनिजों की प्रचुरता और राज्य सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण मध्यप्रदेश देश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खनन क्षेत्र में प्रदेश की उपलब्धियों से राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। साथ ही, देश के औद्योगिक विकास और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित हो सकेगा। इसी क्रम में कटनी में 23 अगस्त को खनिज औद्योगिक विकास पर केन्द्रित कॉन्क्लेव आयोजित हो रहा है।मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य खनन के क्षेत्र में सतत विकास कर रहा है। इससे न केवल आर्थिक विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश ने खनिज राजस्व संग्रहण में पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करते हुये पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 4,958 करोड़ रुपये था। अब तक प्रदेश ने कुल 103 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की है, जिससे भविष्य में एक लाख 68 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व मिलने की संभावना है। विगत वर्ष 17-18 अक्टूबर 2024 को भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण-अनुकूल खनन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जैसे सुधारों से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। खनिज विभाग ने ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट, गोल्ड, मैंगनीज और कॉपर सहित कई खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है। हाल ही में जबलपुर और कटनी जिलों में सोने की खोज की गई है, वहीं पन्ना और छतरपुर में हीरे के विशाल भंडार प्रमाणित हुए हैं। बालाघाट की मलाजखण्ड तांबा खदान देश की सबसे बड़ी तांबा खदान है, जबकि पन्ना की मझगवां हीरा खदान देश की एकमात्र सक्रिय हीरा खदान है। अवैध खनन और परिवहन रोकने के लिए प्रदेश में 41 एआई आधारित ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा ड्रोन और उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली से खदानों की जियो-टैगिंग और 3-डी इमेजिंग कर खनिज उत्खनन की सटीक निगरानी की जा रही है। जिला खनिज विभाग के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, महिला-बाल कल्याण, स्वच्छता और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में 16,452 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 7,583 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं।हीरा (डायमंड): मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जहाँ पन्ना जिले की मझगवां हीरा खदान से प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरा उत्पादन होता है। इसके अलावा छतरपुर स्थित बंदर हीरा ब्लॉक में 34.2 मिलियन कैरेट हीरे का अनुमानित भंडार मिला है। कटनी में 23 अगस्त 2025 को होने वाले खनन सम्मेलन में औद्योगिक विकास पर विशेष रूप से विचार किया जायेगा। सोना (गोल्ड): प्रदेश के सिंगरौली और कटनी जिलों में कुल पाँच स्वर्ण ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है, जिनमें 7.87 मिलियन टन अयस्क भंडार उपलब्ध है। जबलपुर के सिहोरा और कटनी के स्लीमनाबाद क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सोने की उपलब्धता के संकेत मिले हैं। जबलपुर जिले में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में लाखों टन स्वर्ण अयस्क मिलने का अनुमान है।
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