(भोपाल)चालीहा महोत्सव का शुभारंभ
- 17-Jul-25 12:00 AM
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भोपाल 17 जुलाई (आरएनएस)।संत हिरदाराम नगर नगर में भगवान झूलेलाल की उपासना का चालिहा महोत्सव बुधवार को परंपरागत जल एवं ज्योति की पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने बहिराना साहब की पूजा कर महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सबनानी ने कहा कि झूलेलाल चालिहा महोत्सव सनातन संस्कृति का प्रतीक है हमारे जीवन में जल एवं ज्योति का विशेष महत्व है।पूज्य झूलेलाल चालीहा साहिब उत्सव समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम झूलेलाल मंदिर, एच वार्ड में हुआ। सबनानी द्वारा पूज्य बहिराणा साहिब की ज्योति प्रज्जवलित कर मेले का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में समिति अध्यक्ष पुरुषेात्तम हरचंदानी श्री सबनानी का श्रीफल से स्वागत किया गया। समिति अध्यक्ष हरचंदानी ने बताया कि यह कार्यक्रम लगातार 40 दिन तक चलता रहेगा।0-इन मंदिरों में भी हुआ शुभारंभ-नेहरू पार्क स्थित झूलेलाल मंदिर एवं न्यू बी 10 स्थित चालीहा साहब मंदिर में भी चालीहा महोत्सव में विधायक सबनानी शामिल हुए। इस मौके पर श्री सबनानी ने कहा कि भगवान झूलेलाल हमें सेवा की प्रेरणा देते हैं। जल एवं ज्योति के बिना जीवन अधूरा है। हम सब देश और प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना करें। अच्छी वर्षा होगी तो अच्छी फसल होगी। अन्नदाता प्रसन्न रहेंगे तो देश प्रसन्न रहेगा। इस मौके पर सभी ने देश की खुशहाली एवं सुख समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना की। पूजन में पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष माधु चांदवानी, भाजपा नेता राजेश हिंगोरानी, किशन अच्छानी, चंदूभाई इसरानी, हरीश वीधानी, महेश खटवानी, कमल वीधानी एवं गुलाब जेठानी सहित अनेक लोग उपस्थित थे। न्यू बी 10 स्थित चालीहा साहब मंदिर में भी पर्व श्रद्धा के साथ शुरू हुआ। सनातन परंपरा के अनुरूप जल एवं ज्योति की पूजा की गई। सबनानी ने बहिराणा पूजन कर महोत्सव का शुभारंभ किया। इस मौके पर महिला विंग की अध्यक्ष किरण वाधवानी, ओमप्रकाश रीझवानी जगदीश लालवानी सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद थे। पूजन के बाद अनेक साधकों ने 40 दिन के कठिन उपवास शुरू किए। झूलेलाल कल्याण मंडलम सेवा समिति ने सबनानी का परंपरागत भगवा टोपी पहनाकर सम्मान किया। यहां समिति के अध्यक्ष राजकुमार वाधवानी एवं राम पारदासानी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी पूजा अर्चना की। भजन कीर्तन एवं बहिराणा पूजन के बाद रामधुनी शुरू हुई। छेज नृत्य किया गया। भगवान श्री राम एवं श्री कृष्ण के जयकारे लगाए गए।
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