(भोपाल)दलित-पिछड़ा समाज संगठन ने जलाई मनुस्मृति की प्रति

  • 03-Jul-25 12:00 AM

भोपाल 3 जुलाई (आरएनएस)। राजधानी भोपाल के 7 नंबर महात्मा फुले चौराहे पर गुरुवार को दलित-पिछड़ा समाज संगठन ने मनुस्मृति की प्रति जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के संस्थापक दामोदर सिंह यादव ने इस दौरान कहा कि आज भी देश में मनुवादी सोच रखने वाले लोग सक्रिय हैं, जो दलितों, ओबीसी और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं।इटावा में यादव कथावाचक के साथ हुई घटना, पटेल समाज व साहू समाज के कथावाचकों के साथ दुव्र्यवहार इस बात के प्रमाण हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह देश केवल भारतीय संविधान से चलेगा, न कि मनुस्मृति से। इसी के चलते मनुस्मृति का दहन किया गया है।इस दौरान दामोदर यादव ने मनुस्मृति को महिलाओं और पिछड़े वर्गों के लिए अपमानजनक बताते हुए उसे एक नालायक का लिखा हुआ ग्रंथ करार दिया। उन्होंने कहा, इस ग्रंथ में शूद्रों को जीने का अधिकार नहीं, पढऩे का अधिकार नहीं, कथा सुनने पर कान में पिघला सीसा डालने और बोलने पर जीभ काटने जैसी बातें लिखी हैं। महिलाओं को अपवित्र बताने वाला यह ग्रंथ कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।प्रदर्शन के दौरान दामोदर सिंह यादव ने घोषणा की कि दलित-पिछड़ा समाज संगठन अब प्रदेशभर में महापुरुषों की कथा का आयोजन करेगा और महामानव ग्रंथ के माध्यम से महापुरुषों की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएगा। इसके साथ ही ऐसे स्कूल और कॉलेज खोलने की भी योजना है जहां सच्चे आश्रम बनाए जाएंगे, और फुले, अंबेडकर जैसे महापुरुषों की शिक्षाएं पढ़ाई और दिखाई जाएंगी।दामोदर यादव ने मोहन यादव को पत्र लिखने की बात भी कही। उन्होंने आरोप लगाया कि जब इटावा में एक यादव कथावाचक के साथ दुव्र्यवहार हुआ, तब मंत्री मौन रहे, जबकि चुनावों में पार्टी ओबीसी चेहरे का इस्तेमाल वोट बटोरने के लिए करती है।इस दौरान बताया गया कि भगवान को मानने से ही भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों को बल मिलता है। पिछड़े वर्ग विशेषकर यादवों को अब दिशा लेनी चाहिए और संविधान के ज्ञान की ओर बढऩा चाहिए।उन्होंने बताया कि जब ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का विरोध हुआ, तो हजारों लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। इसके बाद दामोदर यादव और कई बौद्ध अनुयायियों को जेल में डालने की बातें सामने आई थीं।




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