(भोपाल)निजी महाविद्यालयों में छात्रों को दोगुनी-तिगुनी फीस चुकाने पर मजबूर किया जा रहा-विवेक त्रिपाठी
- 27-Aug-25 12:00 AM
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भोपाल 27 अगस्त (आरएनएस)। कांग्रेस ने बुधवार को संयुक्त पत्रकारवार्ता आयोजित कर प्रदेश की शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।पत्रकारवार्ता को कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुकेश नायक, कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार और एनएसयूआई भोपाल जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने संबोधित किया।कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष डॉ. मुकेश नायक ने कहा कि यह शिक्षा एवं स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ गंभीर मामला है। यदि सरकार चाहती है कि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे तो उसे तत्काल ठोस कदम उठाने होंगे। वर्तमान स्थिति प्रदेश के लिए चिंताजनक है। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को माफिया संचालित कर रहे हैं और सरकार की मौन स्वीकृति से छात्रों को निजी महाविद्यालयों में दोगुनी-तिगुनी फीस चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है। शासकीय कालेजों की उपेक्षा कर भाजपा सरकार कमीशन के लालच में निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। नर्सिंग कॉलेज घोटाले की दो बार सीबीआई जांच हो चुकी है, लेकिन गड़बडिय़ां जस की तस बनी हैं।एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश के 13 शासकीय नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं। इनमें नियमानुसार प्राचार्य, उप प्राचार्य, प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं हैं। हैरानी की बात है कि 3 कॉलेजों में तो सिर्फ 1-1 फैकल्टी के भरोसे पूरी व्यवस्था है। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि 2025-26 सत्र में इन 13 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलेगी।13 नर्सिंग कॉलेज में से 04 नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं जिनमें सीबीआई ने कमियां पाईं थी।इन्हें डिफिशिएंसी कैटेगरी में रखा था, लेकिन हाईकोर्ट द्वारा सूटेबल कर दिया गया ।कांग्रेस की यह प्रमुख मांगें-1. नर्सिंग कॉलेजों में संदिग्ध नियुक्तियों और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए।2. जिन शासकीय कॉलेजों में फैकल्टी की भारी कमी है, वहां तत्काल नियम अनुसार स्टाफ की नियुक्ति की जाए।3. हाईकोर्ट द्वारा गठित जुलानिया समिति की रिपोर्ट की फोरेंसिक जांच कर वास्तविक कमियों को सार्वजनिक किया जाए।4. दोषी प्राचार्य, फैकल्टी और अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्यवाही की जाए।5. छात्रों को शैक्षणिक नुकसान से बचाने के लिए ऑप्शनल व्यवस्था और अस्थायी समाधान तत्काल लागू किए जाएं।सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में नियम विरुद्ध पदोन्नत करने के आरोप-शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग (जीएमसी) में प्राचार्य से लेकर प्रोफेसर पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नत किया गया।भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में आउटसोर्स एजेंसी पर निर्भरता।पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान में प्राचार्य ही नहीं हैं। अन्य की नियुक्तियां मानकों के विरुद्ध हुई।इंदिरा गांधी ट्राइबल यूनिवर्सिटी अनूपपुर और शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद मेडिकल उज्जैन में सिर्फ एक-एक फैकल्टी है।जबलपुर के ऑटोनोमस आयुर्वेद नर्सिंग कॉलेज में केवल 2 फैकल्टी है। इसी तरह अन्य कॉलेजों की स्थिति है।
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