(भोपाल)पर्यावरणीय स्थिरता गतिविधियों में पारंपरिक ज्ञान से बढ़ाएगा जनसहभागिता

  • 27-Sep-25 12:00 AM

भोपाल,27 सितंबर (आरएनएस)।विज्ञान नीतियों के साथ पारंपरिक ज्ञान के समावेश से पर्यावरणीय स्थिरता के लिए संचालित गतिविधियों में जनसहभागिता का विस्तार किया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए जन-जन को अपने स्तर पर प्रयास करना होंगे। वैश्विक दृष्टिकोण के साथ, भारतीय ज्ञान परंपरा का संयोजन पर्यावरणीय स्थिरता के लिए संचालित गतिविधियों का व्यापक स्तर पर विस्तार कर सकताहै। यह विचार, पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) द्वारा "पर्यावरण स्थिरता: सुदृढ़ भविष्य के लिए विज्ञान नीतियों और पारंपरिक ज्ञान का समेकन" विषय पर आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में व्यक्त किए गए।श्री सत्य सांई महिला महाविद्यालय, भोपाल के वनस्पति विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के सहयोग से हुए छ: दिवसीय कार्यक्रम में एप्को के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी श्री लोकेंद्र ठक्कर सहित विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। महाविद्यालीय के वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती रेनु मिश्रा ने बताया कि शिक्षण एवं अनुसंधान क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों की समय-सीमा में प्राप्ति के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में ग्रीन क्रेडिट योजना, कार्बन अवशोषण में पादप जगत की भूमिका, हरित प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय कानून और नीतिगत ढांचे आदि विषय पर परिणाम मूलक विचार विमर्श हुआ।




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