(भोपाल)पहली हाइपोथायरायडिज्म और ओबेसिटी यूनिट शुरू

  • 09-Sep-25 12:00 AM

भोपाल 9 सितंबर (आरएनएस)। शासकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में मंगलवार को थायराइड और मोटापा (हाइपोथायरायडिज्म और ओबेसिटी) यूनिट शुरू की गई। इसका मकसद मरीजों को होम्योपैथी की दवाओं और रिसर्च के जरिए बेहतर और लंबे समय तक असरदार इलाज देना है।यह यूनिट भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और केंद्रीय होम्योपैथी रिसर्च काउंसिल की पहल पर शुरू की गई है। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों, सहायक चिकित्सकों और लैब एक्सपट्र्स की टीम काम करेगी। यह टीम यूनिट थायराइड से जुड़ी बीमारियों के तुरंत असर और लंबे समय में होने वाले दुष्प्रभाव दोनों पर रिसर्च और इलाज करेगी।कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि यह मध्यप्रदेश की पहली यूनिट है जो आयुष मंत्रालय के मानकों पर चल रही है। होम्योपैथी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर लंबे समय तक अच्छा स्वास्थ्य देती है। उन्होंने बताया कि भागदौड़ भरी जिंदगी में थायरॉइड और मोटापा आम परेशानी बन चुके हैं। खासकर महिलाएं इससे ज्यादा जूझती हैं। कई बार रासायनिक दवाओं के लंबे इस्तेमाल से वजन बढ़ जाता है और हड्डियों जोड़ों की समस्याएं सामने आने लगती हैं।डॉक्टरों का कहना है कि थायराइड की दवाएं लगातार लेने पर मरीज का वजन बढऩे लगता है और आगे चलकर कई बड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। होम्योपैथी इलाज इस जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है और मरीज को सुरक्षित भविष्य दे सकता है। इस यूनिट में मिलने वाले इलाज का लक्ष्य सिर्फ बीमारी खत्म करना नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।यूनिट से जुड़े मुख्य बिंदु-नई यूनिट में रोज सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीजों का पंजीयन और इलाज होगा।जानकारी के लिए 0755-2992970 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।यहां उपचार पूरी तरह मुफ्त रहेगा।मरीजों को सिर्फ दवाएं ही नहीं, बल्कि डाइट और एक्सरसाइज की सलाह भी दी जाएगी।यूनिट की प्रभारी डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि यह समस्या सबसे ज्यादा महिलाओं में देखी जाती है। समय पर इलाज न मिले तो 50 साल की उम्र के बाद यह गंभीर हड्डी और जोड़ रोग का कारण बन जाती है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले सामान्य हार्मोनल बदलाव को भी अक्सर बीमारी मानकर दवाएं दी जाती हैं, जिससे महिलाएं जीवनभर दवाओं पर निर्भर हो जाती हैं।भोपाल के अलावा देश के 5 अन्य शहरों में भी ऐसी यूनिट शुरू की गई हैं। उम्मीद है कि इन प्रयासों से थायराइड और मोटापे जैसी परेशानियों का प्राकृतिक और सुरक्षित इलाज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा।




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