(भोपाल)फार्मेसी पंजीयन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन

  • 10-Sep-25 12:00 AM

भोपाल 10 सितंबर (आरएनएस)।फार्मेसी पंजीयन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे अभ्यर्थियों को घर बैठे पंजीयन प्रमाणपत्र मेल और डिजिलॉकर से उपलब्ध होंगे। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश स्टेट फार्मेसी परिषद अब पूरी तरह डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में काम कर रही है।उन्होंने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के आवेदन अपूर्ण हैं। प्राइवेट विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों की सही जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि गलती छात्रों की है तो उन्हें सुधार के लिए सूचित किया जाए। संस्थानों की लापरवाही पर मान्यता एवं एफिलिएशन पर कार्रवाई की जाएगी।भोपाल में हुई बैठक में जून से अगस्त 2025 तक की कार्य-प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें 3500 से अधिक नए पंजीयन पूरे हुए। 5800 आवेदन प्रक्रिया में लंबित रहे और 1650 आवेदन निजी विश्वविद्यालयों की सूची न मिलने से अटके रहे। नई प्रणाली में समग्र आईडी, डिजिलॉकर, विवाह एवं निवास प्रमाणपत्र और एफडीए का एकीकरण किया गया है।अब स्लॉट बुकिंग या परिषद कार्यालय में उपस्थित होकर सत्यापन की जरूरत नहीं होगी। सिस्टम आधारित ऑटो वेरिफिकेशन से प्रमाणपत्र सीधे डिजिलॉकर पर उपलब्ध होंगे। बैठक में परिषद अध्यक्ष संजय कुमार जैन सहित अन्य सदस्य, ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।बी.फार्मा और एम.फार्मा करने वाले छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन से पहले डिजिलॉकर पर अकाउंट बनाना अनिवार्य होगा। फार्मेसी काउंसिल की रजिस्ट्रार भव्या त्रिपाठी के अनुसार, जल्द ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से शुरू होगी।यह सॉफ्टवेयर समग्र आईडी और डिजिलॉकर अकाउंट से दस्तावेजों का वेरिफिकेशन करेगा। इनमें स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र, डिग्री, डिप्लोमा, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, फोटो सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज शामिल होंगे। अभी तक यह पूरी प्रक्रिया मैन्युअल होती थी, जिससे काफी समय लग रहा था। इसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ रही थी।अधिकारियों के अनुसार 70त्न फॉर्म में त्रुटियां होती है। एक ही फॉर्म में कैंडिडेट्स बताने के बाद भी बार-बार गलतियां करते हैं। जिसके कारण पेंडेंसी बढ़ी है। अधिकतर मामलों में अंग्रेजी में नाम या अन्य विवरण की स्पेलिंग में गलतियां पाई गईं। काउंसिल इस परेशानी से बचने के लिए आधुनिक डिजिटल सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है।इसके माध्यम से छात्र घर बैठे ऑनलाइन वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। गलती होने पर सॉफ्टवेयर उन्हें इसकी जानकारी देगा। जब तक वेरिफिकेशन पूरा नहीं होगा, तब तक छात्रों से फीस नहीं ली जाएगी। अब तक एमपी ऑनलाइन से आवेदन के दौरान पहले फीस ली जा रही थी। बाद में वेरिफिकेशन होता था।प्रदेशभर में बी.फार्मा और एम.फार्मा करने वाले छात्रों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। छात्र पिछले दो-ढाई साल से भोपाल स्थित फार्मेसी काउंसिल के चक्कर लगाकर परेशान हो गए। कई बार प्रदर्शन हुए, कुछ छात्र तो नाराजगी में आपा खो बैठे और काउंसिल में तैनात गार्ड से मारपीट तक की।काउंसिल द्वारा छात्रों के लिए नए निर्देश-आधार और समग्र में नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि सही हो।आधार में नया फोटो हो।स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र मध्यप्रदेश का होना चाहिए और समग्र से जुड़ा होना चाहिए।आधार से प्रमाणित मोबाइल नंबर पर डिजिलॉकर ऐप इंस्टॉल हो और 10वीं व डिग्री/डिप्लोमा की फाइनल मार्कशीट ऐप पर अपलोड हो।10वीं की मार्कशीट, डिग्री/डिप्लोमा की मार्कशीट और आधार/समग्र में नाम, पिता/पति का नाम और जन्मतिथि एक जैसी हो।फॉर्म में नाम, जन्मतिथि या पता बदलने की सुविधा नहीं होगी, क्योंकि ये विवरण समग्र से स्वत: प्राप्त होंगे।




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