(भोपाल)बहन-भाई के पवित्र रिश्ते पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले कैलाश विजयवर्गीय पर महिला कांग्रेस का कठोर प्रहार
- 26-Sep-25 12:00 AM
- 0
- 0
भोपाल 26 सितंबर (आरएनएस)।नवरात्रि के पावन अवसर पर, जब पूरा देश माँ दुर्गा की आराधना में लीन है—वही माँ जो नारी शक्ति की प्रतीक हैं, शक्ति और सम्मान की देवी हैं—ऐसे में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का विपक्ष के शीर्ष नेतृत्व पर दिया गया शर्मनाक बयान न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि बहन-भाई के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाला घोर पाप है।नवरात्रि में हम माँ दुर्गा से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें शक्ति दें, लेकिन बीजेपी के मंत्री जैसे लोग इस पवित्र समय में भी बहनों की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं। बहन-भाई का रिश्ता भारतीय संस्कृति की नींव है—रक्षा बंधन से लेकर नवरात्रि तक, यह बंधन पवित्रता और सुरक्षा का प्रतीक है। लेकिन विजयवर्गीय का बयान इस रिश्ते पर सीधा हमला है, जो माँ दुर्गा की देवी शक्ति को चुनौती देने जैसा है। यह न केवल असंवेदनशील है, बल्कि पूरे प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता पर प्रहार है।महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल और प्रदेश प्रवक्ता अपराजिता पांडेय ने संयुक्त प्रेस वार्ता में निम्नलिखित बिंदुओं पर तीखा प्रहार किया: नवरात्रि में माँ दुर्गा हमें नारी शक्ति की याद दिलाती हैं, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय जैसे मंत्री बहन-भाई के पवित्र रिश्ते को अपमानित कर रहे हैं। उनका बयान मध्यप्रदेश की गरिमा के खिलाफ है। एक मंत्री, जो जनता की सेवा की शपथ लेता है, वह सार्वजनिक मंच से बहन-बेटियों पर अभद्र टिप्पणी करता है। यह महिलाओं का अपमान ही नहीं, बल्कि माँ दुर्गा के पवित्र उत्सव को ठेस पहुँचाने वाला कृत्य है। बहन-भाई का रिश्ता पवित्रता का प्रतीक है, लेकिन बीजेपी के नेता इसे राजनीतिक हथियार बना रहे हैं।महिलाओं के प्रति कैलाश विजयवर्गीय की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कड़ा विरोधभारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा महिलाओं पर की गई विवादित और अवाध्य टिप्पणियाँ न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि समाज की गरिमा को भी ठेस पहुँचाती हैं।1. विजयवर्गीय ने इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कुछ महिलाएँ ऐसे वस्त्र पहनती हैं जिससे वे देवी स्वरूप न लगकर शूर्पणखा जैसी प्रतीत होती हैं।2. उन्होंने यह भी बयान दिया कि उन्हें कम कपड़े पहनने वाली अथवा पहनने वाली महिलाएँ पसंद नहीं।3. इतना ही नहीं, वे बार-बार पश्चिमी पहनावे की आलोचना करते हुए भारतीय संस्कृति की आड़ में महिलाओं की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सवाल खड़े करते हैं।यह पहला मौका नहीं है-कैलाश विजयवर्गीय लगातार ऐसे बयान देते आ रहे हैं जो महिलाओं के अधिकारों, उनकी गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अपमान करते हैं। यह मानसिकता न केवल पुरानी और सामंती सोच को दर्शाती है, बल्कि एक मंत्री पद की गरिमा के भी विपरीत है।बीजेपी नेताओं की अमर्यादित टिप्पणियाँ बार-बार सामने आती हैं, लेकिन जब बहन-बेटियों पर अत्याचार होता है, तब वे चुप्पी साध लेते हैं। मध्यप्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आँकड़े भयावह हैं। बलात्कार, छेड़छाड़ और उत्पीडऩ की खबरें रोज़ अखबारों की सुर्खियाँ बनती हैं। भोपाल से लेकर छोटे कस्बों तक, बहन-बेटियाँ असुरक्षित हैं। नवरात्रि जैसे पवित्र समय में भी, जब हम माँ दुर्गा से सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं, बीजेपी सरकार महिलाओं की रक्षा करने में विफल हो रही है।महिलाओं के खिलाफ अपराधों का भयावह सच:बलात्कार के मामले: साल 2020 में प्रदेश में 6,134 बलात्कार की घटनाएँ दर्ज थीं, जो 2024 तक बढ़कर 7,294 हो गईं, यानी 19त्न की वृद्धि। मुख्यमंत्री ने स्वयं विधानसभा में स्वीकार किया कि प्रत्येक दिन लगभग 20 बलात्कार के मामले हो रहे हैं। रोज़ाना अपराध: प्रतिदिन 20 बलात्कार के साथ-साथ 33 महिलाओं के अपहरण की घटनाएँ हो रही हैं। दिसंबर 2023 से जून 2025 तक, औसतन प्रतिदिन 18 बलात्कार दर्ज हुए।स्ष्ट/स्ञ्ज महिलाओं पर अत्याचार: 2022–2024 के दौरान 7,418 आदिवासी (स्ञ्ज) और अनुसूचित जाति (स्ष्ट) महिलाएँ बलात्कार की शिकार हुईं। इस अवधि में 338 सामूहिक बलात्कार (गैंगरेप) के मामले दर्ज हुए। प्रतिदिन औसतन 41 अपराध स्ष्ट/स्ञ्ज महिलाओं के खिलाफ हो रहे हैं, जिनमें 7 बलात्कार के मामले शामिल हैं।सजा दर: पिछले पाँच वर्षों में अनुसूचित जाति के बलात्कार मामलों में केवल 23त्न अभियुक्तों को सजा हुई, जबकि 77त्न बरी हो गए। अनुसूचित जनजाति में सजा दर 22त्न, पिछड़े वर्ग में 21त्न और सामान्य वर्ग में मात्र 18त्न है।लापता मामले: जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच 21,175 महिलाएँ और नाबालिग बालिकाएँ लापता हुईं। इस अवधि में 10,840 बलात्कार के मामले दर्ज हुए, जिनमें 4,805 महिलाएँ और 6,035 नाबालिग थीं।बीजेपी सरकार में अपराधियों को संरक्षण:मालवा की मलिका और प्रदेश की बेटियों के साथ हुए उत्पीडऩ, मंदसौर में मासूम बच्ची से बलात्कार, उज्जैन में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, जबलपुर और ग्वालियर में महिलाओं पर अत्याचार—हर जगह अपराधियों को बीजेपी सरकार में संरक्षण मिला। यही कारण है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (हृष्टक्रक्च) की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शीर्ष पर है। नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा करते हुए भी, बीजेपी के मंत्री बहन-भाई के रिश्ते को अपमानित कर रहे हैं—यह उनकी महिला विरोधी मानसिकता का प्रमाण है।"महिला कांग्रेस की माँग:कैलाश विजयवर्गीय तत्काल माँ दुर्गा के सामने झुककर सार्वजनिक माफी माँगें और बहन-भाई के पवित्र रिश्ते का सम्मान करें। यदि माफी नहीं माँगी जाती, तो मुख्यमंत्री उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करें।महिला कांग्रेस प्रदेश की हर बहन-बेटी के सम्मान और सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। हम माँ दुर्गा की शक्ति से बीजेपी सरकार की महिला विरोधी मानसिकता के खिलाफ निरंतर संघर्ष करेंगे और तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक महिलाओं को न्याय और सुरक्षा नहीं मिलती। बहन-भाई का पवित्र रिश्ता हमारी संस्कृति की रक्षा करेगा, और हम इसे कलंकित करने वालों को बख्शेंगे नहीं।महिला कांग्रेस के आरोप:हर भाई-बहन अपनी मर्यादा जानता है। मंत्री जी को महिलाओं को संस्कार सिखाने की ज़रूरत नहीं है। उनका बयान मध्यप्रदेश की अस्मिता और नवरात्रि की पवित्रता पर हमला है।बीजेपी के नेताओं की जुबान लगातार बिगड़ती जा रही है। कभी महिलाओं के कपड़ों पर टिप्पणी, कभी बेटियों के चरित्र पर सवाल—यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है।प्रदेश में महिलाओं पर अपराध बढ़ते जा रहे हैं—बलात्कार, अपहरण, छेड़छाड़ की घटनाएँ रोज़ हो रही हैं। जब सुरक्षा की बात आती है तो बीजेपी सरकार खामोश रहती है, लेकिन मंच से महिलाओं का अपमान करने में उनके मंत्री आगे रहते हैं।
Related Articles
Comments
- No Comments...