(भोपाल)बीएमएचआरसी अब रेडिएशन आपातकाल में करेगा जांच और इलाज में मदद

  • 11-Jul-25 12:00 AM

भोपाल 10 जुलाई (आरएनएस)। भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) को एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मिली है। इसे देश के इंडियन बायोडोसिमीट्री नेटवर्क में शामिल किया गया है। यह नेटवर्क रेडिएशन आपातकाल की स्थिति में लोगों की मदद के लिए बनाया गया है। इस नेटवर्क में देशभर से केवल छह संस्थानों को चुना गया है, जिसमें बीएमएचआरसी के अलावा चेन्नई, दिल्ली, लखनऊ, मंगलूरु और कलपक्कम के संस्थान शामिल हैं। इस पहल का नेतृत्व भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) कर रहा है।बीएमएचआरसी मध्य भारत का पहला और इकलौता संस्थान बन गया है जिसे इस अत्यंत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेटवर्क में स्थान मिला है।देश में परमाणु ऊर्जा, औद्योगिक इकाइयों और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में रेडिएशन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में रेडियोथेरेपी तकनीक के चलते इसका उपयोग आम हो गया है। ऐसी स्थिति में यदि कहीं रेडिएशन का रिसाव हो जाए या अनजाने में व्यक्ति को ज़्यादा डोज लग जाए, तो डॉक्टरों के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि शरीर में कितनी मात्रा में रेडिएशन गया है।बीएमएचआरसी के अनुसंधान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ रविंद्र एम. समर्थ ने बताया कि संस्थान की साइटोजेनेटिक लैब अब रेडिएशन से प्रभावित मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच कर बताएगी कि उन्हें कितना नुकसान हुआ है। यह तकनीक विशेषकर उन आपातकालीन परिस्थितियों में बेहद उपयोगी होगी, जैसे परमाणु संयंत्र में दुर्घटना, अस्पताल में रेडिएशन उपकरण की गड़बड़ी और किसी अप्रत्याशित रेडिएशन रिसाव की घटना आदि। लैब में वैज्ञानिक डायसेंट्रिक क्रोमोज़ोम अस्से और माइक्रोन्यूक्लियस अस्से जैसी विधियों से यह आकलन किया जाता है कि रेडिएशन से शरीर में क्रोमोज़ोम को कितना नुकसान पहुंचा है। डायसेंट्रिक क्रोमोज़ोम का बनना रेडिएशन का सीधा संकेत होता है, और इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि मरीज को कितनी डोज़ लगी है। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने कहा, यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि बीएमएचआरसी को इस राष्ट्रीय नेटवर्क में शामिल किया गया है। यह संस्थान की वैज्ञानिक क्षमता और अनुसंधान गुणवत्ता का प्रमाण है। अब मध्य भारत को रेडिएशन से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति में एक वैज्ञानिक सहारा मिलेगा।




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