(भोपाल)भाजपा ने चुनाव आयोग से की हेट स्पीच और कर्मचारियों के प्रचार करने पर कार्रवाई की मांग

  • 02-Nov-23 12:00 AM

भोपाल 2 नवंबर (आरएनएस)। भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने निर्वाचन आयोग से दो मामलों में अलग-अलग शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पहले मामले में सागर जिले की रहली में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जीवन पटेल द्वारा हेट स्पीच का प्रयोग करने को लेकर की गई है। वहीं, दूसरी शिकायत माखनलाल विश्वविद्यालय भोपाल (स्वशासी) में पद का दुरुपयोग कर कांग्रेस पार्टी का प्रचार-प्रसार करने को लेकर की गई है।रहली कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थक खुले मंच से मतदाताओं को धमका रहेभाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रभारी मनोज द्विवेदी और सह प्रभारी अशोक विश्वकर्मा ने कहा कि सागर जिले की रहली विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल के समर्थन में जीवन पटेल ने खुले मंच से मतदाताओं को धमकी दी है। पंचायतकर्मियों के बेटों को भूखा मारेंगे। महिलाओं के घरों का चूल्हा जलाना बंद करा देंगे। यह शब्द जीवन पटेल ने ज्योति पटेल की नामांकन रैली के बाद हुई सभा में जीवन पटेल ने यह धमकी दी है। कांग्रेस की प्रत्याशी महिला होकर भी वीडियो में मुस्करा रही है। भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने मांग की है कि जीवन पटेल को 17 नवंबर तक भाषण देने से रोका जाए और ज्योति पटेल का नामांकन निरस्त किया जाए।कर्मचारी कर रहे कांग्रेस का प्रचार, भाजपा ने की कार्रवाई की मांगभाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रभारी मनोज द्विवेदी और सह प्रभारी अशोक विश्वकर्मा और पॉलिसी एंड रिसर्च विभाग के प्रदेश संयोजक आनंद स्वरूप काशिव ने कहा कि माखनलाल विश्वविद्यालय भोपाल (स्वशासी) में पद का दुरुपयोग कर कांग्रेस का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पदस्थ एसोसिएट प्रोफेसर संजीव गुप्ता, सहायक प्राध्यापक प्रदीप डहेरिया, आलोक बजाज, चंद्रमोहन गुर्जर और मुकेश चौधरी (कदाचरण के कारण अभी सस्पेंड हैं) उपरोक्त सभी माखनलाल विश्वविद्यालय से वेतन प्राप्त करते हैं,परंतु कांग्रेस पार्टी का चुनाव में खुलकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। अन्य साथी स्टॉफ ,कर्मचारियों एवं विश्वविद्यालय के छात्रों पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रचार-प्रसार करने एवं वोट डालने का दबाव डालते हैं। नहीं करने पर दुष्परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं। उपरोक्त लिखित पांचों लोगों को प्रदेश में चुनाव होने तक प्रदेश की सीमाओं के बाहर कर दिया जाए एवं विश्वविद्यालय से तत्काल नौकरी समाप्त की जाए.




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