(भोपाल)मध्यप्रदेश में फिर दी गई फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता– एनएसयूआई ने उठाए गंभीर सवाल

  • 30-Sep-25 12:00 AM

भोपाल 30 सितंबर (आरएनएस)।मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला लंबे समय से चल रहा है। गौरतलब है कि दो बार सीबीआई जांच होने के बाद भी 2025-26 शैक्षणिक सत्र में कई फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी गई है। इस कदम से प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता और भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं ।2025-26 सत्र में कुल 33 नए नर्सिंग कॉलेज और 360 पुराने नर्सिंग कॉलेजों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन किए थे। इनमें लगभग 21 शासकीय नर्सिंग कॉलेज शामिल थे, लेकिन नर्सिंग काउंसिल ने इनमें से सिर्फ 04 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को ही मान्यता प्रदान की है 17 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई जिसमें भोपाल का भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर और पंडित खुशीलाल नर्सिंग कालेज को नहीं मिली मान्यता। एनएसयूआई ने 13 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी और अन्य अनियमितताओं पर सवाल उठाए थे। इसके विपरीत, निजी नर्सिंग कॉलेजों के मामले में बेहद चौंकाने वाला रवैया अपनाया गया। जीएनएम नर्सिंग के 231 कॉलेजों और बीएससी नर्सिंग के 188 कॉलेजों को मान्यता दे दी गई है, जबकि इनमें से कई कॉलेज नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और फर्जी फैकल्टी नियुक्त कर संचालन किया जा रहा है।एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि एनएसयूआई ने शासकीय और निजी नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी व अन्य गंभीर अनियमितताओं को लेकर नर्सिंग काउंसिल को विस्तृत शिकायतें सौंपी थीं। लेकिन हैरानी की बात है कि काउंसिल ने शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रोक दी और दूसरी ओर निजी कॉलेजों को अनियमितताओं और फर्जी फैकल्टी की शिकायतों के बावजूद मान्यता दे दी। यह सीधा-सीधा भेदभाव है। आखिर नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को निजी नर्सिंग कॉलेजों से इतना लगाव क्यों है?रवि परमार ने नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार पर आर्थिक लाभ अर्जित कर फर्जी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप लगाते हुए कहा ऐसे कालेज जिनमें गंभीर अनियमितताएं हैं यहीं जिन कालेजों में फैकल्टीयां सिर्फ कागजों में उन नर्सिंग कालेजों को रजिस्ट्रार मुकेश सिंह द्वारा मान्यता जारी कर दी । वहीं उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला की भूमिका भी मान्यता को लेकर संदेह के घेरे में हैं कहीं ना कहीं एक बड़े फर्जीवाड़े की पुनरावृति शासन और प्रशासन द्वारा की जा रही है जिसकी हम विस्तृत शिकायत सीबीआई से करेंगे साथ ही हाईकोर्ट को भी अवगत करवाएंगे की फर्जी कालेजों की शिकायतों के बावजूद मान्यता किस आधार पर दे दी गई ।?एनएसयूआई ने मांग की है कि –1. प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।2. फर्जी फैकल्टी और नियमों का उल्लंघन करने वाले निजी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता तत्काल रद्द की जाए।3. नर्सिंग कॉलेज घोटाले की निष्पक्ष जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा ही एनएसयूआई का प्रतिनिधि मंडल जल्दी महामहिम राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नर्सिंग घोटाले की पुनरावृति के बारे में साक्ष्यों के साथ अवगत कराएंगे साथ? ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार और नर्सिंग काउंसिल ने इस गंभीर मामले पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो संगठन प्रदेशभर में आंदोलन करेगा।




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