(भोपाल)मध्यप्रदेश में संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
- 04-Jul-25 12:00 AM
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भोपाल 4 जुलाई (आरएनएस)। मध्यप्रदेश में संविदा आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने प्रदेशभर में कार्यरत आउटसोर्स व रोगी कल्याण समिति के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों की मांगों को लेकर आज लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्वास्थ्य आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कोमल सिंह ने कहा कि कई जिलों में पिछले 5 से 6 महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है, जिससे उनका जीवन संकट में है और उनके परिवार आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ज्ञापन में 10 प्रमुख मांगें रखी गईं, जिनमें नीति निर्माण से लेकर समान वेतन, स्थायी नियुक्ति और छुट्टी की सुविधाएं शामिल हैं। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शासन-प्रशासन ने जल्द कोई ठोस समाधान नहीं किया तो वे आगामी विधानसभा सत्र के दौरान विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।प्रमुख मांगें-नीति बने, प्रथा बंद हो: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मियों के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए और आउटसोर्सिंग की प्रथा समाप्त की जाए।एनएचएम के पुराने कर्मचारियों का समायोजन:जो कर्मचारी पूर्व में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (हृ॥रू) के तहत संविदा सपोर्ट स्टाफ रहे हैं, उन्हें विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए या फिर दोबारा हृ॥रू में जोड़ा जाए।रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति:वर्तमान में आउटसोर्स व्यवस्था के तहत कार्यरत कर्मचारियों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थायी किया जाए।2018 और 2023 की संविदा नीति लागू हो: महंगाई भत्ते सहित सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित संविदा नीतियां तुरंत प्रभाव से लागू की जाएं।वेतन में सुधार और वृद्धि:पिछले 3 वर्षों से सेवा दे रहे आउटसोर्स कर्मियों के वेतन में वृद्धि की जाए और वेतन संरचना में बदलाव लाया जाए।छुट्?टी की सुविधाएं समान हों: नियमित व संविदा कर्मियों की तरह आउटसोर्स कर्मचारियों को भी।समान कार्य-समान वेतनÓ की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन लागू हो:कोर्ट के निर्देश अनुसार आउटसोर्स व रोगी कल्याण समिति के कर्मियों को भी समान वेतन दिया जाए।निष्कासित कर्मचारियों की बहाली हो: पूर्व में निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारियों को वापस सेवा में लिया जाए।बिना जांच सेवा से पृथक न किया जाए:भविष्य में किसी भी कर्मचारी को बिना निष्पक्ष जांच के सेवा से न हटाया जाए।रोगी कल्याण समिति के कर्मियों को स्थायित्व मिले: इन्हें विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए।
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