(भोपाल)मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर सरकार नदारद, जनता भगवान भरोसेजीतू पटवारी
- 30-Jul-25 12:00 AM
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भोपाल 30 जुलाई (आरएनएस)। मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी भोपाल से लेकर प्रदेश के सुदूर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक, हर जगह तबाही का मंजर है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने इस आपदा पर सरकार की निष्क्रियता और जनता की अनदेखी पर गहरा रोष व्यक्त किया है।भोपाल में खटिया पर मरीज ढोने की मजबूरी*हुजूर विधानसभा के ग्राम प्रेमपुरा में अधूरे पुल और कीचड़ भरे रास्तों ने मोहन सरकार के विकास के दावों की पोल खोल दी।बारिश ने गाँव का रास्ता कीचड़ में बदल दिया, जिसके कारण ग्रामीणों को बीमार मरीज को खटिया पर लादकर भोपाल लाना पड़ा। *श्री पटवारी ने सवाल उठाया*जब राजधानी में लोग इस हाल में हैं, तो सुदूर आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति कितनी भयावह होगी?"प्रदेश में बाढ़ की स्थितिमध्य प्रदेश: पन्ना, कटनी, दमोह, छतरपुर, सागर, सतना और टीकमगढ़ में घरों और दुकानों में पानी घुस गया। लोग अपने घर छोड़कर ऊँचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।पश्चिम और मध्य क्षेत्र: ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुरकलां, गुना, दतिया, अशोकनगर, राजगढ़ और विदिशा में सड़कें और पुल डूब गए, जिससे कई स्थानों का संपर्क टूट गया।विशेष प्रभाव: ओरछा और झांसी के बीच सातार नदी का जलस्तर बढऩे से यातायात ठप हो गया। छतरपुर में सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं, और कई दुकानों में पानी घुस गया।*प्रदेश की भयावह स्थिति**आवागमन ठप:* 100 से ज्यादा सड़कें और 30 छोटे पुल जलमग्न।*राहत का अभाव* : न नाव, न रेस्क्यू टीम, न हेल्पलाइन पर समय पर जवाब।*स्वास्थ्य संकट* : जलभराव और गंदगी से संक्रमण का खतरा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल टीमें नदारद।*किसानों का नुकसान* : हजारों एकड़ फसलें जलमग्न, पशुधन बर्बाद।*श्री जीतू पटवारी ने कहा*मध्य प्रदेश आज बाढ़ और अव्यवस्था की मार झेल रहा है। 23 जिलों में अचानक बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गाँव-गाँव में लोग अपने घर छोड़कर ऊँचाइयों पर शरण ले रहे हैं। राजधानी भोपाल में भी घरों में पानी भर गया है। लेकिन सरकार पूरी तरह नदारद है। न राहत सामग्री, न रेस्क्यू टीमें, —यह सरकार सिर्फ पोस्टर और विज्ञापनों में सक्रिय है, जमीन पर नहीं। जब जनता डूब रही है, सरकार कहाँ है? क्या प्रदेश की जान-माल की कोई कीमत नहीं?*मांगें*सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाए।गाँव-गाँव में राहत शिविर और मेडिकल कैंप स्थापित किए जाएँ।बाढ़ से प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा और फसल बीमा राशि दी जाए।स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएँ।बाढग़्रस्त क्षेत्रों में ड्रोन सर्वे कर फंसे लोगों को तुरंत निकाला जाए।अंत में श्री पटवारी ने प्रदेशवासियों से एकजुटता की अपील की और सरकार को चेतावनी दी कि जनता की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा, हम कांग्रेस कार्यकर्ता हर प्रभावित क्षेत्र में जनता के साथ खड़े हैं और उनकी आवाज को बुलंद करेंगे।
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