(भोपाल)मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए: के.के. मिश्रा

  • 10-Oct-23 12:00 AM

भोपाल 10 अक्टूबर (आरएनएस)।प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेते मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के पद पर बने रहने पर सवाल उठाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग, भारत सरकार को मध्य प्रदेश में निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ चुनाव कराने के लिए दो बार से एक्सटेंशन लेकर बैठे मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाना चाहिए, इनके रहते निष्पक्ष चुनाव की संभावना बिल्कुल भी नहीं की जा सकती।के.के. मिश्रा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विगत 2 जून 2023 को विधानसभा चुनाव के दिशा निर्देशों को लेकर लिखे पत्र के सातवें बिंदु में स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव संबंधी कार्यों में संविदा या एक्सटेन्शन वाले किसी भी अधिकारी कर्मचारी को नहीं लगाया जाये। उक्त बिंदु को दृष्टिगत रखते हुए बैंस भी इस श्रेणी में आते हैं। लिहाजा, बैस को तत्काल प्रभाव से हटाकर एक स्वच्छ, पारदर्शी और निर्भीक चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया जाए, जो प्रदेश की जनता के हित में सर्वोपरि होगा।मिश्रा ने कहा कि चूंकि बैंस, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेहद करीबी अधिकारी हैं और उनके साथ लगातार कई वर्षों से काम कर रहें हैं। वे मुख्यमंत्री के सचिव और प्रमुख सचिव भी रहें हैं। बैंस प्रदेश के जिलों के कलेक्टर की गोपनीय चरित्रावली यानी सीआर भी लिखेंगे। इसलिए इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है कि वे कलेक्टर्स, बैंस के इशारे पर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में ही काम करेंगे। इतना ही नहीं बैंस के इशारे पर काम नहीं करने के कारण वे कई आईएएस अधिकारियों की सीआर खराब करने के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। भाजपा के पक्ष में काम नहीं करने पर वे कलेक्टरों की सीआर भी खराब कर देंगे, इस बात की पूरी आशंका है?के.के. मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा य़ह भी तर्क दिया जाता रहा है कि मुख्य सचिव की विधानसभा चुनाव में कोई भूमिका नहीं होती है, लेकिन यदि उनकी भूमिका नहीं होती तो भारत निर्वाचन आयोग प्रदेश सरकार के साथ होने वाले सारे पत्राचार मुख्य सचिव के साथ नहीं करता।मिश्रा ने कहा कि मौजूदा मुख्य सचिव ने अपने बेटे अमनबीर सिंह को भी लगभग पौने तीन साल से बैतूल जिले का कलेक्टर बनाया हुआ है। उन्हें भी तत्काल जिले से हटाया जाना चाहिए, ताकि आयोग की मंशा के अनुरूप निष्पक्ष और निर्भीक मतदान हो सके।




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