(भोपाल)राजस्थान की दर्दनाक घटना से प्रदेश सरकार क्या सबक लेंगी?-इंजी नवीन कुमार अग्रवाल
- 26-Jul-25 12:00 AM
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नीमच/भोपाल,26 जुलाई (आरएनएस)।स्वयंबु विश्व गुरु का तमगा लेकर आत्ममुग्ध भाजपा के राज में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के सरकारी अस्पतालों एवं विद्यालयों की इमारतों की कितनी खस्ता हालत है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है? वो अलग बात है की सरकारी अधिकारियो, मंत्रियो,विधायकों एवं भाजपा कार्यालयों की इमारते आलिशान स्वरुप में गरीबो का मुंह चिड़ा रही है और सरकारी अस्पतालों और विद्यालयों का उपयोग करने वाले गरीब तबके को इन खस्ताहाल क्षतिग्रस्त इमारतों में न तो इलाज करवाना होता है और न उनके बच्चो को पढना पद रहा है। और इसीलिए माननीय राजनेताओ अधिकारियो को कभी सरकारी अस्पताल के दर्शनकरने पड़ते है और न सरकारी स्कूल का उसे कोई फर्क नहीं पड़ता की गरीब के बच्चो के ऊपर छत गिरे और छत गिरने से चाहे बच्चे मरे घायल हो या अंग भांग हो कर डियांग हो। उन्हें तो मात्र इस प्रकार की घटना होने पर संबंधित के प्रति शोक संवेदना फोटोसेशन कर व्यक्त करने की रस्म अदायगी कर दी जाती है और अपनी राजनीति चमकाने का कार्य किया जाता है जैसे की गुजरात में वायुयान दुर्घटना होने पर किया गया और प्रत्येक दुखद घटना के बाद विश्व गुरु के राज में एक सरकारी फरमान आता है की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी और यह सर्वविदित है की आज तक कभी भी विश्व गुरु के राज में कोई जांच का निष्कर्ष नहीं निकला चाहे वो मोरवी में पुल गिरने की घटना हो, पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमला हो, पहलगाम में निर्दोष सैलानियों की हत्या हो, पुलवामा में 350 किलो आरडीएक्स कहां से आया, गुजरात में नकली शराब से सैकड़ों व्यक्तियों की जान चली गयी हो ऐसी अनगिनत घटनाएं है जिसकी जांच अभी तक आम जन के सामने नहीं आ पायी है और फिर भी हम विश्वगुरु? ऐसा ही एक वाक्या राजस्थान के झालावाड़ जिले में हुआ और वंहा सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते मासूम बच्चे अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए और कई बच्चे घायल हो गए। सरकारी तंत्र का वही पुराना ढकोसला की जांच करवाई जाएगी और गरीबों को सांत्वना देने के लिए पांच अध्यापको का निलंबन। लेकिन प्रश्न यह उठता है की क्या वही पांच शिक्षक उसके लिए जिम्मेदार थे? क्या राज्य शासन, स्थानीय विधायक,सांसद, राज्यसभा सांसद,प्रभारी मंत्री, सरपंच, प्रधान उसके लिए जिम्मेदार नहीं है? क्या उन पर कार्यवाही नहीं होना चाहिए? कब तक निचले स्तर के कर्मचारी ही दोषी बनाये जाते रहेंगे? क्या नैतिकता के आधार पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री को अपनी जवाबदारी मानकर पदों से त्यागपत्र नहीं देना चाहिए?आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार अग्रवाल ने स्वयंभू विश्व गुरु के साथ ही भाजपा की डबल इंजन मोदी यादव की भाजपा सरकार से उक्त सवाल करते हुए पूछा है की क्या मध्यप्रदेश में राजस्थान की दर्दनाक घटना से सबक लेकर प्रदेश के सरकारी संस्थानों की इमारतों का सेफ्टी ऑडिट करवाया जावेंगा या फिर किसी घटना का इंतजार और फिर जांच और जांच कर छोटे कर्मचारियों पर गाज। यह कब तक चलेगा ? प्रदेश की जनता को भी अब भाजपा सरकार से सवाल कर पूछना चाहिए की जब आपके बंगले, भाजपा के कार्यालय आलीशान सर्वसुविधायुक्त बन सकते है तो क्या कारन है की गरीब वर्ग के उपयोग में आने वाले सरकारी अस्पताल एवं स्कूल गुणवत्तापूर्ण नहीं बन सकते? कब तक गरीब वर्ग इसी प्रकार से अकाल मृत्यु को प्राप्त होता रहेगा यह यक्ष प्रश्न आज देश की जनता के सामने विद्यमान है और इसका जवाब सरकारों से मांगने का समय आ गया है?
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