(भोपाल)शरद प्तपूर्णिमा पर होगा चंद्र ग्रहण: भारत में दिखेगा 28 अक्टूबर का ग्रहण, दोपहर 4.05 बजे से शुरू होगा प्तसूतक

  • 27-Oct-23 12:00 AM

भोपाल 27 अक्टूबर (आरएनएस)। शनिवार, 28 अक्टूबर को आश्विन पूर्णिमा है, इसे शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा पर चंद्र प्तग्रहण होगा। ये ग्रहण भारत में दिखेगा, इस वजह से यहां सूतक भी रहेगा। सूतक शुरू होने से पहले पूर्णिमा से जुड़े शुभ काम करेंगे तो बेहतर रहेगा।ज्योतिष मुताबिक, चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार 28 अक्टूबर की रात 1.05 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानी दोपहर 4.05 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक चंद्र ग्रहण खत्म होने तक यानी 2.24 मिनट तक रहेगा।शरद पूर्णिमा से जुड़े शुभ काम करें सूतक से पहलेधर्म-कर्म के साथ ही आयुर्वेद में भी शरद पूर्णिमा का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दौरान देवी सभी से पूछती हैं को जागृति यानी कौन जाग रहा है? इस वजह से शरद पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा भी कहते हैं।इस दिन देवी लक्ष्मी पूजा करने का विशेष महत्व है। चंद्र ग्रहण का सूतक होने से दोपहर 4.05 बजे से पहले पूजा-पाठ करना चाहिए। इसके बाद ग्रहण खत्म होने तक यानी रात 2.24 बजे तक देवी के मंत्रों का जप कर सकते हैं।प्तग्रहण के प्तसूतक के समय में दान-पुण्य करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा। प्तजरूरतमंद लोगों को अनाज, धन, कपड़े, जूते-चप्पल, खाना प्तदान कर सकते हैं।शरद पूर्णिमा की खीर ग्रहण खत्म होने के बाद बनाएंगे तो बेहतर रहेगा, क्योंकि शास्त्रों की मान्यता है कि ग्रहण और सूतक के समय में खाना न तो बनाना चाहिए और न ही खाना चाहिए। इस दौरान खाने को अपवित्र होने से बचाने के लिए खाने में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा है।ऐसे कर सकते हैं प्तमहालक्ष्मी की पूजाशरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है, क्योंकि देवी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। रातभर जागकर पूजा-पाठ और मंत्र जप करते रहना चाहिए। घर के अंदर और बाहर दीपक जलाना चाहिए। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। जप के लिए कमल के गट्टे की माला का उपयोग करना चाहिए। प्तमंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:।




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