(भोपाल)स्थानीय निकायों को शिक्षा उपकर से करोड़ो की आय खर्च शून्य-इंजी नवीन कुमार अग्रवाल
- 25-Aug-25 12:00 AM
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नीमच/भोपाल 25 अगस्त (आरएनएस)।प्रदेश सरकार की शिक्षा निति किस प्रकार की है यह सर्वविदित है की अप्रत्यक्ष रूप से वो सरकारी स्कूल बंद कर प्राइवेट स्कूलों को प्रोत्शाहित कर रही है जिसकी बानगी यह है की प्रदेश में हजारो सरकारी स्कूल अलग अलग कारणों से बंद कर दिए गए है और प्रदेश में शिक्षा के व्यवसायीकरण से प्राइवेट स्कूल फल फूल रहे है और प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार पेसो का रोना रोकर स्कूलों की हालत सुधारने पर ध्यान नहीं दे रही है चाहे स्कूल की छत गिरे या स्कूल जाने वाले रास्तो पर जल भराव हो चाहे छात्रों को पानी में होकर नाला पार करना पड़े। लेकिन वह्नि एक और भाजाप की थर्ड इंजिन सरकार अर्थात स्थानीय सरकार नगरपालिका, नगर परिषद् एवं नगर निगम भी शिक्षा उपकर के माधयम से करोड़ो रूपये जनता से वसूलने के बाद भी इस और ध्यान न देकर शिक्षा: के लिए बने इस मद से शिक्षा मंदिरो को सुधरने के लिए कुछ भी नहीं करती और करोड़ो डकार जाती है, जबकि जनता द्वारा वसूला गया शिक्षा: उपकार उसे स्कूलों के विकास के लिए ही खर्च करना होता है लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते स्थानीय निकाय वो राशि अन्यत्र खर्च कर देती है और जनता के खून पसीने की कमाई द्वारा दिया गया शिक्षा उपकर व्यर्थ चला जाता जाता है।इसी शिक्षा उपकर की विधिवत जानकारी प्राप्त करने के लिए आम आदमी पार्टी नीमच के जिला अध्यक्ष्य विनोद कुमार पंवार ने नीमच नगरपालिका में एक आरटीआई लगाई जिसमे काफी जदोजहद के बाद नगरपालिका ने शिक्षा: उपकर के माध्यम से वसूली गई शिक्षा उपकर की आधी अधूरी जानकारी दी जिसके अनुसार वर्ष 2018 अप्रैल से मार्च 2025 तक शिक्षा: उपकर 1 करोड़ 86 लाख 37 हजार 85 रूपये की राशि प्राप्त हुई यह जानकारी उपलब्ध करवाई साथ ही शिक्षा पर खर्च की जानकारी शून्य प्राप्त हुई। जिससे स्पष्ट है की मात्र 8 साल में इतनी राशि शुल्क के रूप में प्राप्त हुई है तो जब से शिक्षा उपकर स्थानीय निकायों द्वारा वसूला जा रहा है तब से आज तक करोड़ो रूपये का शिक्षा उपकर वसूला जा चूका है लेकिन शिक्षा मंदिरो पर खर्च शून्य है।आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा की यह जानकारी तो मात्र कुछ वर्षो की है जबकि पिछले 25 वर्षो से शिक्षा उपकर वसूला जा रहा है सम्पूर्ण प्रदेश में यदि स्थानीय निकायों से जानकारी मंगवाकर अगर सम्पूर्ण राशि का खर्च सरकारी स्कूलों पर किया जाता है तो प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलो का उन्ययन दिल्ली पंजाब की तर्ज पर हो सकता है। आरटीआई से सिद्ध होता है की सम्पूर्ण प्रदेश में शिक्षा उपकर वसूला तो जा रहा है लेकिन उसका खर्च शिक्षा पर न होकर अन्य प्रयोजन के लिए किया जा रहा है जिस पर तुरंत रोक लगना चाहिए साथ ही इस मद से स्कूलों की मुलभुत आयश्यकताओ खेल मैदान, स्वच्छ पिने का पानी, शोचालय, बॉउंड्री वाल, फर्नीचर, स्मार्ट क्लासेस के उन्ययन के लिए किया जाना चाहिए और आम आदमी पार्टी की शिक्षा क्रांति की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी शिक्षा क्रांति को आगे बढ़ाना चाहिए। समय रहते अगर नीमच के साथ ही सम्पूर्ण प्रदेश में शिक्षा उपकर से अभी तक प्राप्त राशि का उपयोग स्कूलों पर खर्च करना प्रारम्भ नहीं किया तो आम सादमी पार्टी प्रदेशव्यापी जनांदोलन के लिए बाध्य होंगी।
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