(भोपाल)स्वदेशी सिर्फ आर्थिक नहीं, इसमें देशभक्ति और स्वयं का स्वाभिमान है-शिवप्रकाश
- 20-Sep-25 12:00 AM
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भोपाल,20 सितंबर (आरएनएस)।भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल, आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के राष्ट्रीय सह-संयोजक सी. पी. जोशी एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में आत्मनिर्भर भारत संकल्पÓ अभियान को लेकर कार्यशाला को संबोधित किया। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि स्वदेशी सिर्फ आर्थिक नहीं है, बल्कि इसमें देशभक्ति की भावना है और स्वयं का स्वाभिमान भी है। यह हमारी भाषा, रीति रिवाज, पहनावे, संस्कृति आदि सभी से संबंधित है। जो अपने देश में बना है, उसके प्रति स्वाभिमान ही स्वदेशी है। हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी के संकल्प के साथ आगे बढऩा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए हर व्यक्ति के मन में स्वदेशी उत्पाद खरीदने की मानसिकता बनाने की जरूरत है। कार्यकर्ता स्वदेशी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत बनाने के अभियान को साकार करें। राजस्थान के पूर्व प्रदेष अध्यक्ष व आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के राष्ट्रीय सह संयोजक सी पी जोशी ने कहा कि हम आजादी के पहले स्वदेशी के कारण आत्मनिर्भर थे, आजादी के बाद दुनिया पर निर्भर हो गए। जीएसटी रिफॉर्म कोई सामान्य बात नहीं है, आने वाले समय में यह स्वदेशी के लिए बड़ा आधार बनेगा। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने कहा कि स्वदेशी और स्वावलंबन से ही भारत आत्मनिर्भर बनेगा। स्वतंत्रता आंदोलन के समय स्वदेशी की अलख जगाई गई थी। आजादी के बाद स्वदेशी आंदोलन को प्रमुखता नहीं दी गई। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 25 सितंबर से 25 दिसंबर तक आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान चलाया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए स्वदेशी के दो प्रयोग हुए। एक प्रयोग बाल गंगाधर तिलक जी ने किया। उन्होंने गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव शुरू किए। वहीं गांधी जी ने चरखा चलाया। उस समय के विचारकों का मानना था कि अंग्रेज भारत में विदेशी वस्त्र बेचकर देश को लूट रहे हैं। ऐसे में गांधी जी ने खादी पहनने का आग्रह किया और चरखे के माध्यम से हर व्यक्ति को जोड़ा। महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर और महर्षि अरविंद आदि ने भी अपने-अपने तरीके से स्वदेशी की बात की। लेकिन आज का स्वदेशी वो चरखे वाला स्वदेशी नहीं है। हमें आज के संदर्भों में स्वदेशी की व्याख्या करनी होगी। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद में स्वदेशी और विकेंद्रीकरण की चर्चा करते हुए नए परिदृश्य में स्वदेशी की परिभाषा दी। उन्होंने कहा था कि स्वदेशी और आत्मनिर्भरता हमारे तंत्र हो सकते हैं।भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से दिये गए भाषण और काशी की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दुनिया आज आर्थिक संकट से जूझ रही है। हर देश अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में भारत के आर्थिक विकास को जारी रखने और विकसित देश बनाने का वही तरीका उचित है, जिसमें आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का मंत्र हो। उन्होंने इसे मन की बातÓ कार्यक्रम में भी दोहराया और कोरोना संकट के समय भी कहा था। शिवप्रकाश ने कहा कि आज दुनिया में पूंजीवाद, साम्यवाद और समाजवादी व्यवस्थाओं का खोखलापन उजागर हो चुका है। यूक्रेन-रसिया और इजराइल-फिलस्तीन के युद्ध चल रहे हैं। पर्यावरण का संकट पैदा हो गया है। अतिवृष्टि हो रही है और जगह-जगह बादल फट रहे हैं। ऐसे में भारत की लिव एंड लैट लिव यानी वसुधैव कुटुंबकम की संस्कृति प्रासंगिक हो जाती है। ऐसी व्यवस्था जिसमें रोजगार हो, पर्यावरण का संरक्षण हो, कम पूंजी लगती हो और भारतीय चिंतन हो, वही दुनिया के लिए कल्याणकारी हो सकती है। इस अर्थ में स्वदेशी का मतलब है दुनिया में कल्याणकारी व्यवस्था। इसमें बाजार और व्यापार नहीं, परिवार की सोच होती है। यह भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी और दुनिया के संकटों को दूर करेगी।भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया पर जोर दिया। ये दोनों ही नीतियां स्वदेशी को पोषित करने वाली हैं। बीते 11 वर्षों में उन्होंने स्वदेशी चिंतन के आधार पर व्यवस्थाएं खड़ी की। इसी का परिणाम है कि 2014 तक हमारा जो रक्षा निर्यात कुछ सौ करोड़ का था, वो 2025 में बढ़कर 24000 करोड़ हो गया। अब हमारे रक्षा उत्पाद 100 देशों में खरीदे जा रहे हैं। चंद्रयान और मिशन मंगल के बाद अब हम अनेक देशों को सैटेलाइट सिस्टम दे रहे हैं। 10 से अधिक देशों को हम रेल कोच बेच रहे हैं। एमएसएमई का हमारी जीडीपी में 30 प्रतिशत योगदान है। हम सेमी कंडक्टर भी बना रहे हैं। ट्रैक्टर, जैविक उत्पाद, मोबाइल फोन और जैनेरिक दवाएं हम सारी दुनिया को बेच रहे हैं। हम सारी दुनिया में खिलौने सप्लाई कर रहे हैं।भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि हमें समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में, भारत के युवाओं, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों सबके मन में एक भाव पैदा करना है कि हम ये कर सकते हैं। हमें स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण करने वालों को प्रोत्साहित करना है और इस विचार को प्रसारित करना है। निश्चित रूप से एक दिन भारत सारी दुनिया में फिर प्रसिद्ध होगा और हमारे उत्पाद दुनिया के बाजारों में भरे रहेंगे। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में अमेरिका ने टैरिफ के जरिए भारत पर यह दबाव बनाने के कोशिश की कि हमारा कृषि क्षेत्र, फिशरीज और डेयरी उद्योग उसके लिये खोल दिये जाएं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम यह नहीं होने देंगे। उनका यह संकल्प ही स्वदेशीÓ है और हमें उनके इस संकल्प के साथ खड़ा होना है।प्रधानमंत्री जी का संकल्प आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशीÓ- हेमंत खंडेलवालभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि भारत और चीन साथ में आजाद हुए, लेकिन हम निर्यात में पिछड़ गए। इसकी वजह यह थी कि पूर्ववर्ती सरकारों ने निर्यात बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार हर क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने और भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास कर रही है। आत्मनिर्भर का मतलब है हम देश में बनी चीजें खरीदें और हमारा आयात कम तथा निर्यात ज्यादा हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वही उत्पाद खरीदें, जिसमें भारत के श्रमिक का पसीना हो, जो भारत में बना हो। उन्होंने कहा कि हमारे देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन कृषि का हमारी जीडीपी में योगदान सिर्फ 17 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री जी चाहते हैं कि हमारे कृषि उत्पाद सारी दुनिया में एक्सपोर्ट हों। उन्होंने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का सफल प्रयोग किया, जिससे गन्ना उत्पादक किसानों को तो लाभ हुआ है और 2 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की भी बचत हुई।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता हर व्यक्ति के मन में स्वदेशी वस्तुएं खरीदने की मानसिकता बनाने की जरूरत है। इससे रोजगार बढ़ेगा, हमारा उत्पादन बढ़ेगा और हम निर्यात के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी भारत को अगले कुछ सालों में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। इस संकल्प को साकार करने के लिए जरूरी है कि हम हर दिल तक यह बात पहुंचायें कि कोई भी व्यक्ति कुछ भी खरीदने से पहले एक बार यह जरूर सोचे कि वह वस्तु देशी है या विदेशी।जीएसटी रिफॉर्म कोई सामान्य बात नहीं, स्वदेशी को मिलेगा आधार- सी.पी. जोशीराजस्थान के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के राष्ट्रीय सह-संयोजक सी. पी. जोशी ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती 25 सितंबर से स्वदेशी के मूल मंत्र के साथ शुरू होने वाला सबसे बड़ा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती 25 दिसंबर तक चलेगा। यह कोई सामान्य अभियान नहीं, बल्कि देश की दिशा और दशा बदलने वाला अभियान है। यह भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प है। अखंड भारत के समय हमारी अर्थव्यवस्था विश्व की 40 प्रतिशत थी। पहली शताब्दी से पंद्रहवीं शताब्दी तक हमारा देश विश्व उत्पादन का 32 प्रतिशत करता था। 1720 ईस्वी तक भी हमारी अर्थव्यवस्था 18 प्रतिशत थी। हमारी आर्थिक संपन्नता और आत्मनिर्भरता के कारण ही मुग़लों से लेकर अंग्रेज़ों तक ने हमारे देश को लूटा। अंग्रेज़ों के आने से पहले हम "उत्तम कृषि, मध्यम व्यापार और निम्न चाकरी" की नीति पर चलते थे, लेकिन अंग्रेज़ों के शासन के बाद यह सब बदल गया। आज़ादी के बाद हम गरीबी रेखा के नीचे और निरक्षरता में 75 प्रतिशत तक पहुँच गए। हम आज़ादी से पहले स्वदेशी के कारण आत्मनिर्भर थे, लेकिन आज़ादी के बाद दुनिया पर निर्भर हो गए। जो लोग शासन में थे, उन्होंने ऐसी नीतियाँ बनाईं जिनके कारण हम दूसरों पर निर्भर होते चले गए।भारत संकल्प अभियान के राष्ट्रीय सह-संयोजक सी. पी. जोशी ने कहा कि आज हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। युवा न केवल उपयोग अधिक करता है, बल्कि अधिक उत्पादन भी करता है और देश की जीडीपी में बड़ा योगदान दे सकता है। इसलिए हमें आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान को घर-घर तक पहुँचाकर स्वदेशी के मूल मंत्र को प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाना होगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म कोई सामान्य बात नहीं है, हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा होगा। यह आने वाले समय में स्वदेशी के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा। हमारे देश के पास दुनिया की सबसे अधिक कृषि भूमि है। मध्यप्रदेश संसाधनों से समृद्ध है। भारत दुनिया के कुल निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत करता है और गेहूं, दूध तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी है। अब हमारा देश हथियारों के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनकर अन्य देशों को हथियार उपलब्ध करा रहा है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश एकजुट होकर खड़ा था। अब स्वदेशी के लिए भी वैसी ही एकजुटता की आवश्यकता है। 25 सितंबर से 25 दिसंबर तक स्वदेशी का संदेश हर घर और हर दुकान तक पहुँचना चाहिए, ताकि भारत एक बार फिर आत्मनिर्भर बनकर 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सके।आत्मनिर्भर भारत बनाने स्वदेशी के आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाएं कार्यकर्ता-हितानंदभाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता गरीब, किसान, महिला और युवाओं की भागीदारी से होकर जाता है। आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच का विस्तार है, जिसका लक्ष्य भारत को सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हर त्यौहार पर आमजन जो खरीदारी करते हैं, वह सिर्फ स्वदेशी वस्तुओं की ही करें। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि हम भारत के लोग वही वस्तुएं खरीदें, जिसे बनाने, तैयार करने में भारतीयों का पसीना बहा हो। प्रधानमंत्री जी के इन विचारों को आत्मसात करते हुए हम सभी कार्यकर्ताओं को आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन का आयोजन कर स्कूली छात्रों से लेकरी शासकीय विभागों, धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों, युवाओं, महिला संगठनों, बुद्धिजीवियों के साथ व्यापारिक संगठनों को इस आंदोलन में सहभागी बनाना है। भाजपा के सभी मोर्चां, प्रकोष्ठों के साथ समान विचारधारा वाले संगठनों को साथ में लेकर उद्योग सम्मेलन, प्रभात फेरी, रथ यात्रा, एमएसएमई उद्योगपति सम्मेलनों का आयोजन कर स्वदेशी के इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाना है।भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी को एक आंदोलन के रूप में ले रहे हैं। भारत की स्वतंत्रता का आंदोलन जो हुआ था, वह सिर्फ देश को आजादी दिलाने के लिए आंदोलन नहीं था। वह आंदोलन भारत को संस्कृति, भाषा, संस्कार और उपयोग की वस्तुओं में स्वदेशी की खुशबू के लिए था। स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी ने अमेरिका से ट्रड डील नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत के किसानों, पशुपालकों का अहित नहीं होने दूंगा। यह अभियान जनभागीदारी से चलाया जाना है, इसलिए इसमें सभी समाजिक, व्यापारिक और समान विचारधारा वाले संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित करें। स्वदेशी आंदोलन से हर भारतीय को जोड़कर इसे जन आंदोलन बनाने के लिए कार्य करना है, ताकि स्वदेशी को बढ़ावा मिल सके और भारत की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत बनाया जा सके। स्वदेशी अपनाने के लिए बड़े स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए 21 से 25 सितंबर तक जिला कार्यशालाएं आयोजित होगी। 26 से 30 सितंबर तक मंडल कार्यशालाएं एवं प्रदेश स्तरीय पत्रकार वार्ता का आयोजन होगा। 1 से 5 अक्टूबर तक वक्ता कार्यशाला, 1 से 30 नवंबर तक स्वदेशी रील्स प्रतियोगिता ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत निबंध प्रतियोगिता, आत्मनिर्भर भारत स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाना है। 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, जिला स्तर पर 3 से 15 अक्टूबर तक पत्रकार वार्ताएं, 16 से 30 अक्टूबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 नवंबर तक व्यापारी, लघु उद्योगी एवं प्रोफेशनल्स सम्मेलन व कालेज स्तरीय स्वदेशी संकल्प सेमीनार, 16 से 30 नवंबर तक स्वदेशी मेला, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क, आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ और पदयात्रा का आयोजन होगा। मंडल स्तर पर 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच मंडल सम्मेलन, 16 से 30 नवंबर तक महिला एवं युवा सम्मेलन, 1 से 15 दिसंबर तक स्ट्रीट वेंडर, छोटे दुकानदार एवं स्थानीय कारीगर सम्मेलन व संपर्क, 1 से 25 दिसंबर तक घर-घर संपर्क के साथ 25 दिसंबर को अभियान का समापन होगा।इस दौरान प्रदेश शासन के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, नागर सिंह चौहान, कृष्णा गौर, प्रदेश महामंत्री व अभियान के प्रदेश संयोजक रणवीर सिंह रावत, प्रदेश उपाध्यक्ष व सह संयोजक सीमा सिंह, योगेश ताम्रकार, प्रदेश मंत्री राजेश पाण्डे, प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक योगेश मेहता सहित प्रदेश टोली के सदस्य मंचासीन रहे। कार्यशाला में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी एवं अभियान के जिला टोली के सदस्य उपस्थित रहे।
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