(भोपाल)हमीदिया अस्पताल में हाईटेक बाइप्लेन कैथ लैब का इंस्टॉलेशन शुरू

  • 21-Aug-25 12:00 AM

भोपाल 21 अगस्त (आरएनएस)।मध्यप्रदेश की राजधानी को बड़ी सौगात मिली है। हमीदिया अस्पताल में जापान से आई 7.7 करोड़ रुपए की हाईटेक बाइप्लेन कैथ लैब का इंस्टॉलेशन शुरू हो गया है। इस मशीन से हार्ट की जांच में डाई बेहद कम लगेगी और किडनी मरीज भी बिना डर के टेस्ट करा सकेंगे। नई कैथ लैब में प्रोसीजर भी दोगुने तेजी से हो पाएंगे।इस मशीन की खासियत यह है कि इससे जांच करने के दौरान बेहद कम डाई की जरूरत पड़ती है। वहीं, मरीज की स्कैनिंग रिपोर्ट 3डी इमेज फॉर्म में आती है, जिससे हृदय व खून की नसों की बेहतर तस्वीर मिलती है। यह हार्ट में ब्लॉकेज से लेकर अन्य समस्याओं की सटीक जानकारी देती है, जिससे डॉक्टर का काम आसान हो जाता है। जटिल सर्जरी में भी मरीजों को बेहतर परिणाम मिलते हैं।हमीदिया अस्पताल में इस आधुनिक कैथ लैब मशीन के लिए नए भवन ब्लॉक-वन की तीसरी मंजिल पर नई लैब तैयार की गई है। जिसमें जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर इलेक्ट्रिकल काम पूरा हो चुका है। इसके साथ मशीन का इंस्टॉलेशन भी शुरू कर दिया गया है। इसके बाद मशीन की ट्रायल टेस्टिंग होगी। इस पूरी प्रक्रिया में 15 दिन लगेंगे।बाइप्लेन कैथ लैब ऐसे बेहतर-इसमें मौजूद दो सी-आर्म के साथ दो अलग-अलग कोणों से इमेजिंग कर सकते हैं, जिससे 3डी इमेजिंग के लिए बेहतर स्पष्टता और डिटेल मिलती है।दोनों सी-आर्म एक साथ काम करते हैं, जिससे प्रक्रिया में कम समय लगता है।स्क्रीन पर धमनियों की प्रदर्शनी बेहतर होती है।एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी के दौरान दी जाने वाली डाई की मात्रा कम होती है।कैथ लैब में होने वाली एंजियोग्राफी एक जांच प्रक्रिया है, जिसमें हार्ट या ब्लड वेसल्स की स्थिति जानने के लिए कॉन्ट्रास्ट डाई का इस्तेमाल किया जाता है। यह डाई नसों के जरिए शरीर में पहुंचाई जाती है, जिसे एक्स-रे, सीटी या एमआरआई जैसी इमेजिंग तकनीकों में ब्लड वेसल्स को स्पष्ट रूप से दिखाने के लिए प्रयोग किया जाता है।कॉन्ट्रास्ट इंड्यूस्ड नेफ्रोपैथी एक स्थिति है, जिसमें डाई किडनी पर असर डालती है। ऐसे में पहले से कमजोर किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें किडनी फंक्शन का कमजोर होना, क्रिएटिनिन का स्तर बढऩा समेत अन्य समस्याएं शामिल हैं।हमीदिया अस्पताल में पुराने भवन के स्थान पर नए बहुमंजिला भवन तैयार किए जा रहे हैं। पुराने प्लान के तहत नए भवन ब्लॉक-वन और मेडिकल कॉलेज के बीच मौजूद पुराने भवन को पूरी तरह से तोड़ा जाना था, जिसमें पुरानी कैथ लैब वाला हिस्सा भी शामिल था। हालांकि अब नए प्लान के तहत पुरानी लैब को तोड़े बिना नए भवन का निर्माण होगा।




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