(भोपाल) अपनी सरकार को बचाने शिवराज की भ्रष्ट सरकार को जिताने में लगे हैं मोदी जी
- 03-Nov-23 12:00 AM
- 0
- 0
भोपाल,03 नवम्बर (आरएनएस)। यह सभी जानते हैं कि नरेंद्र मोदी की केंद्र की सरकार को शिवराज सिंह की 18 सालों की भ्रष्ट सरकार में चले जमकर भ्रष्टाचार के चलते मप्र और छत्तीसगढ़ में अब भाजपा की सरकार बनने वाली नहीं है, भाजपा के लोगों का कहना है कि जब छग में सरकार थी तो रमन सिंह ने शिवराज की तरह जमकर भ्रष्टाचार किया था, तो मप्र में शिवराज के चहेते अधिकारियों ने हर सरकारी योजनाओं की भ्रष्टाचार की रंगोली सजाकर सरकारी आंकड़ों की रंगोली सजाकर सरकारी खजाने का चूना लगाया था? यही नहीं शिवराज के कुछ चहेते नवनत्न जिनमें से एक ने तो मप्र में यह स्थिति ला दी थी कि शराब घर पहुंच सेवा बन गई है। अब लगता है मोदीजी मप्र के साथ-साथ अपने गृह क्षेत्र गुजरात को भी मप्र की तरह वहां भी शराब घर पहुंच सेवा ले लेगी क्योंकि शिवराज सरकार के कुछ विधायक इसी मप्र से अलीराजपुर से छोटा उदयपुर तक विधायक की गाड़ी में रखकर शराब पहुंचाने का खूब गोरखधंधा करते रहे हैं और अभी हाल के दिनों में भाजपा के मंत्री भी इसी अलीराजपुर और झाबुआ में शराब कारोबार करते पकड़े गए, मप्र में जिस शराब के मामले को लेकर भाजपा के मोदी से लेकर भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ की रमन सरकार को घोटालों में घेरने में लगे हैं जरा मप्र में भी जांच करा लें मप्र में भी शराब के अनेकों घोटाले हुए हैं, बल्कि स्थिति यह है कि मप्र में आबकारी मंत्री ने तो कुछ अपने ऐसे लोग पाल रखे थे जिनकी बदौलत नकली अंग्रेजी शराब बनकर इंदौर में प्रतिमाह से कम से कम दो करोड़ रुपये की बिकती थी और इसी नकली और जहरीली शराब को मप्र के आबकारी मंत्री के चहेते ठेकेदार के यहां से खरीदकर पीने से 14 मतदाताओं की मौत भी पिपलिया मंडी में हुई थी जिनकी मौत का माल खाने का काम आबकारी मंत्री ने भी जमकर किया था जरा इसकी भी तो जांच कराइये कि इनका इतिहास कैसा है यह वही मंत्री हैं जिस आतंकवादियों के खिलाफ भाजपा के मोदी से शाह तक हर नेता रोज ढिंढोरा पीटता है इन्हीं शिवराज के आबकारी मंत्री ने जब वह तत्कालीन गृह मंत्री हुआ करते थे तो सिमी के एक आतंकवादी से लेनदेन कर जेल से छोडऩे का काम भी किया था अब सवाल यह उठता है कि उस आबकारी मंत्री से मोदी या शाह यह पूछेंगे कि सिमी के आतंकवादी की वह सिफारिया किसके कहने पर और कितने भजकलदारम का खेल हुआ था यह तो आबकारी मंत्री का भजकलदारम का इतिहास है, इनका यह इतिहास यहां तक ही नहीं थमा शिवराज सरकार में जिस भ्रष्टाचार को लेकर मोदी से लेकर भाजपा के नेता ढिंढोरा पीटते हैं उसी भ्रष्टाचार को पनपाने का काम भाजपा नहीं बल्कि शिवराज सरकार में जमकर हुआ, यह स्थिति बनी कि जिस डिजिटल इंडिया का मोदी जी ढिंढोरा पीटते हैं उसी डिजीटल इंडिया के गूगल बाबा में यदि आप शिवराज सरकार के आबकारी आयुक्त का नाम मंदसौर कलेक्टर के नाम पर टाइप करेंगे तो सीधे उनके मंदसौर के कलेक्ट्रट बनाने में 13 करोड़ के घपले का भी खुलासा होता है यह सभी जानते हैं कि आजकल देश के युवा अपना ज्ञान बढ़ाने के लिए गूगल बाबा की शरण लेते हैं इन्हीं शिवराज के चहेते भ्रष्ट आबकारी आयुक्त के मंदसौर कलेक्ट्रेट बनाने के घोटाले को जब आज के युवा गूगल बाबा पर देखते हैं तो उनके मन में क्या छवि बनती होगी यह भी जांच का विषय है, मगर जो खेल जो गूगल बाबा के ज्ञान के चलते आबकारी विभाग में अनूपपुर की सहायक आबकारी आयुक्त ने उसी गूगल बाबा से प्रेरणा लेकर अपने विभाग के प्रमुख अधिकारी की तर्ज पर आबकारी विभाग में बैठकर लोगों से दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने की पहल की थी जिसमें वह लोकायुक्त में पकड़ी गई थी मगर शिवराज सरकार की नीतियों के चलते वह आज भी आबकारी विभाग में पदस्थ हैं बस अनूपपुर से उनका तबादला ग्वालियर कर दिया, क्या मोदीजी व भाजपा के वह नेता जिनके नाम पर पिछले 18 सालों से शिवराज सरकार में उनकी नीतियों के अनूरूप जमकर भ्रष्टाचार हुआ उस भ्रष्टाचार को और पनपाने के लिये कथित भाजपा की सरकार बनायेंगे और उन भ्रष्ट मंत्रियों के लिये वोट मांगेंगे जिनको बोनस में शिवराज को तीन साल की सरकार प्रदान की उस तीन साल की सरकार में विकास के नाम पर कितना भ्रष्टाचार हुआ जरा मोदी जी उसकी भी जांच करा लें और फिर सोचें कि क्या इस मप्र को शिवराज की सरकार बनाने के लिये वोट मांगना उचित है? यह खबर पढ़कर भाजपा के लोग यह ना समझें कि मैं कांग्रेसी हूँ और कांग्रेसी मुझे कांग्रेसी न समझें मैं उस शुद्ध राममनोहर लोहिया का अनुयायी हूँ जिस डॉ. लोहिया ने अपनी केरल की सरकार का विरोध करके उसे हटाने का काम किया था और सच कहने की हिम्मत उनमें थी मगर आज की राजनीति में लोग एक दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से जनता को गुमराह कर रहे हैं लेकिन डॉ. लोहिया की पार्टी के बिहार के दो बार मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जैसा एक भी नेता पैदा नहीं कर पाये। आज मप्र के मंत्री से लेकर एक अधिकारी के यहां तक छापा मारा जाता है तो वह करोड़पति से कम नहीं निकलता है तो मुख्यमंत्री और मंत्री क्या लालू से कम नहीं होंगे? मोदी का एक ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ ढिंढोरा पीटना और दूसरी ओर भ्रष्ट नेता व अधिकारियों को इस तरह का प्रोत्साहन देना क्या इस देश की जनता के हित में है, जरा मोदी जी भी इस पर मनन कर लें और इन भ्रष्ट सरकार के मंत्रियों और सरकार को मप्र में स्थापित करने के लिये इस तरह की मेहनत नहीं करें और उन भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ डॉ. लोहिया और कांग्रेस के इस देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु की तरह सतना के अपने कांग्रेसी प्रत्याशी की भ्रष्टाचार की खबर की जानकारी मिलने के बाद जिस तरह से उन्होंने मंच से जनता से यह अपील की थी कि मुझे मालूूम पड़ा कि जिस प्रत्याशी का मैं प्रचार कर रहा था वह भ्रष्ट है आप उसे अपना मत न दें? क्या नेहरु जी जैसी हिम्मत मोदी जी व उनके भाजपा के नेता यह हिम्मत जुटा पाएंगे कि इस मप्र पर कृपा करेंगे हमारे भ्रष्ट मंत्रियों को न जितायें...?
Related Articles
Comments
- No Comments...