(भोपाल) अमित शाह की थ्योरी का अर्थ : सपा-बसपा प्रत्याशी जितनी मजबूती से लड़ेंगे उतना ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा
- 02-Nov-23 12:00 AM
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भोपाल,02 नवम्बर (आरएनएस)। बीएसपी वालां को खर्चा-पानी देते हो कि नहीं? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उज्ज्ेन के एक होटल में बैठक के दौरान भाजपा पदाधिकारियों से यह सवाल पूछा तो ये समझ गए कि अब करना क्या है? इसके एक दिन बाद शाह ने ग्वालियर में भी सपा-बसपा प्रत्याशियों की मदद करने की सलाह नेताओं को दी। उन्होंने इन बैठकों मेंसंभाग की हर एक सीट का फीडबैक भी लिया। दरअसल, भाजपा का मानना है कि सपा-बसपा प्रत्याशी जितनी मजबूती से लड़ेंगेउतना ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा। उत्तर प्रदेश से सटे ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य में सपा-बसपा का 62 सीटों पर मजबूत प्रभाव है। उनके प्रत्याशी पिछले चुनावों में इन सीटों पर पाँच हजार से लेकर 68 हजार तक वोट पाने में सफल भी हुए थै। बसपा ने 46 ता सपा ने सात सीटों पर भजपा-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़े थे। बसपा दो तो सपा एक सीट पर जीती भी थी। अटेर में सपा ने भाजपा के पूव्र विधायक मुन्ना सिंह पर दांव खेला है। यहां भाजपा-कांग्रेस के साथ सपा की वजह से त्रिकोणीय लड़ाई है। मुन्ना यहां सीधे तौर पर भाजपा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं, लहार सीट पर भाजपा के बागी रसाल सिंह के चुनाव में उतरने से कांग्रेस मुश्किल में है। यहां भी भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई को बसपा ने त्रिकोणीय बना दिया है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की ये सीट जीतने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। अनिल पुरोहित
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